विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पद प्राथमिकता के आधार पर भरने का निर्देश-यूजीसी

नई दिल्ली:-विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए यूजीसी ने निर्देश दिए हैं कि शैक्षिक संस्थानों से प्राथमिकता के आधार पर इन खाली पदों को भरने के लिए कहा। इसके लिए विश्वविद्यालयों और कालेजों से 31 दिसम्बर तक रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा मंत्री भी पहले सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शिक्षकों के खाली पदों के भरने के निर्देश दे चुके हैं।

  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सितंबर महीने में 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ हुई एक बैठक के दौरान निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि सभी संस्थान शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मिशन मोड में काम करना चाहिए। इसके तहत सभी विश्वविद्यालय आरक्षित वर्गों के रिक्त पड़े टीचिंग पदों को भरने के लिए अगले सप्ताह विज्ञापन जारी करें कुलपतियों के इस चर्चा में धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति के अमल पर भी बात की है और कहा है कि आपके पास में बदलाव को अपनाने की पूरी स्वायत्तता है। नीति के अनुरूप नए कोर्स इसी साल से शुरू कर सकते हैं इस बीच उन्होंने कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों की ओर से इस दिशा में उठाए गए कदमों को भी सराहा।

6 हजार से अधिक शिक्षकों के खाली है पद:-

वही मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देशभर के विश्वविद्यालयों में कुल 6229 टीचिंग पद खाली हैं। इनमें से 1012 अनुसूचित जात 592 अनुसूचित जनजाति 1767 अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी 805 ईडब्ल्यूएस और 350 दिव्यांग श्रेणी के पद रिक्त हैं वहीं से जनरल कैटेगरी के पद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय सहित 44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से 15 यूनिवर्सिटी में स्वीकृति टीचर्स के पदों में से 40% से अधिक पद रिक्त हैं। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद और उड़ीसा के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षण पदों पर 70% से अधिक पद खाली हैं।


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