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सिविल सर्विस प्री परीक्षा:20 वर्षों बाद पूछे गए खेलों से जुड़े सवाल


अभ्यर्थियों के लिए थोड़ा अप्रत्याशित रहा पेपर,59 प्रतिशत अभ्यर्थी ही परीक्षा देने पहुंचे

विशेषज्ञों की राय, अगर प्री में 50-55 प्रतिशत अंक बन रहे हों तो मेन्स की तैयारी में जुट जाएं

लखनऊ:संघ लोक सेवा आयोग UPSC द्वारा रविवार को सिविल सेवा परीक्षा (प्री)- 2021 का आयोजन जनपद के 84 केन्द्रों पर किया गया। लखनऊ में लगभग 20 हजार अभ्यर्थियों ने देश की इस सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में अपना भाग्य आजमाया। पेपर देने वाले अभ्यर्थियों और विभिन्न विषय विशेषज्ञों की मानें तो पेपर थोड़ा अप्रत्याशित था। सबसे खास बात यह थी कि सिविल की प्री परीक्षा में खेलों से जुड़े सवाल लगभग 20 वर्षों से नहीं पूछे गए लेकिन इस बार पेपर में इन सवालों का आना सभी को चौंका गया।उपस्थिति की बात करें तो जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा में लगभग 50 फीसदी अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। राजधानी के 84 केन्द्रों पर हुई परीक्षा में 39588 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। पहली पाली में 19919 परीक्षार्थी (50.31%) शामिल हुए और 19669 परीक्षा देने नहीं आए। वहीं दूसरी पाली में यह संख्या घटकर 19751 (49.89%) ही रह गई। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कुछ परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा भवन स्थित परीक्षा केंद्र पर व्यवस्था देखने गए। उन्होंने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण रही और कहीं नकल होने जैसी कोई शिकायत भी नहीं रही। इन चीजों पर नजर रखने के लिए लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट व जोनल मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई थी।

सभी परीक्षा केन्द्रों पर थे मोबाइल जैमर:

जिलाधिकारी ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए थे, जिससे नकल विहीन परीक्षा कराई जा सके। सभी केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य किया गया था।

जाने…क्या बोले अभ्यर्थी

तैयारी के दौरान पिछले कई वर्षों के पेपर सॉल्व किए थे लेकिन कहीं भी खेलों से जुड़े सवाल नहीं थे। इस बार इन सवालों का पूछा जाना चौंका गया। कोरोना से जुड़े कुछ बेसिक सवाल भी थे।-इशिता

प्री का पेपर थोड़ा मुश्किल था लेकिन इतिहास से जुड़े सवाल आसान थे। वहीं साइंस एंड टेक्नोलॉजी, राज्य व्यवस्था के सवाल संतुलित थे। पॉलिटी के भी कई सवाल थे।-अभिषेक पांडेय

प्रश्नपत्र अप्रत्याशित था। अर्थव्यवस्था के प्रश्न सरल थे। वहीं समसामयिकी से पिछली वर्ष की तरह ही इस बार भी कम प्रश्न पूछे गए थे। पर्यावरण-पारिस्थितिकी के प्रश्न अपेक्षाकृत रूप से कठिन थे।-रामयश अग्निहोत्री

खेल सम्बंधी प्रश्न पूछा जाना अप्रत्याशित था। वहीं करेंट अफेयर्स के सवाल उम्मीद से कम पूछे गए थे। कोविड से जुड़े सवाल सीधे तौर पर नहीं पूछे गए लेकिन आर्थिक मंदी, बेरोजगारी के सवाल जरूर थे।-निशांत अवस्थी

विशेषज्ञों की राय

2016 में आयोग ने पेपर करेंट अफेयर्स पर आधारित कर दिया था, तभी से छात्र इसी आधार पर तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस बार लगभग सभी पाठ्यक्रमों को कवर किया गया है। पिछले 20 वर्षों से खेलों पर प्रश्न नहीं पूछे गए थे लेकिन इस बार तीन प्रश्न थे। समग्र मूल्यांकन से निष्कर्ष निकलता है कि पेपर संतुलित था। जिस भी अभ्यर्थी के इसमें 50-55% अंक बन रहे हों, उन्हें मेन्स की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।-सुधांशु मिश्रा

पेपर अत्यंत संतुलित था, जिसमें पर्यावरण व भूगोल से मिलाकर लगभग 30, इतिहास और राजव्यवस्था से लगभग 20-20 तथा अर्थव्यवस्था एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी से लगभग 15-15 प्रश्न आए। समसामयिक मुद्दों से जुड़े प्रश्न सीधे तौर पर न के बराबर हैं, परन्तु उन्हें पारम्परिक विषयों से जोड़कर पूछा गया है। अतः अभ्यर्थियों को समसामयिकी को पढ़ने का तरीका बदलना होगा।-आशुतोष सिंह

परीक्षा में करेंट अफेयर्स के प्रश्न कम थे। राजव्यवस्था से 18 प्रश्न थे। 5-6 प्रश्न विज्ञान प्रौद्योगिकी से, एन्वायरमेंट से 14-15 प्रश्न थे। करेंट अफेयर्स से 10-12 प्रश्न, ईकोनॉमिक्स से 14 प्रश्न थे। पेपर दो ज्यादा मुश्किल था। कोविड और भारत-चीन संबंधों के बारे में भी सवाल पूछे गए। साइंस के सवाल कठिन थे लेकिन पेपर संतुलित ही कहा जाएगा।- साकेत भूषण


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