मिड-डे-मील (MDM) की कन्वर्जन कास्ट के लिए भटक रहा शिक्षक, MDM में करीब तीन लाख रुपये किए थे खर्च: सेवानिवृत्ति के बाद महज 1.76 लाख का ही हुआ भुगतान

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कानपुर देहात : करीब 10 वर्ष पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजपुर के शिक्षक ने एमडीएम में करीब तीन लाख रुपये खर्च किए थे। सेवानिवृत होने के बाद उन्हें 1.76 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया, लेकिन पांच वर्ष बाद भी शेष धनराशि का भुगतान नहीं हो सका है। जनसुनवाई पोर्टल के साथ ही जिलास्तरीय अधिकारियों से शिकायत के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है, जिससे शिक्षक कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजपुर में वर्ष 2011-16 के मध्य पंजीकृत विद्यार्थियों के सापेक्ष एमडीएम राशि का भुगतान नहीं किया गया।

पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष कम धनराशि आने पर विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र अग्निहोत्री अपने वेतन से बच्चों के लिए एमडीएम की व्यवस्था करते रहे। इसमें उन्होंने अपनी जमा पूंजी से करीब तीन लाख रुपये व्यय कर दिए। मार्च 2016 में सेवानिवृत होने के बाद शिक्षक को 1.76 लाख रुपये का भुगतान विभाग की ओर से किया गया, लेकिन शेष राशि का भुगतान अब तक नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि अभी भी 1.24 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके लिए कई बार कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं। जनसुनवाई पोर्टल, जिलाधिकारी के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया है। इसके बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि एक वर्ष पूर्व समाधान दिवस में बीएसए ने एमडीएम खाते में पड़ी राशि से भुगतान के निर्देश जरूर दिए थे तो उम्मीद जगी थी कि उनके रुपये मिल सकेंगे। इसके बाद से एक साल से अधिक का समय बीत गया। बीएसए सुनील दत्त ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं आया है, जांच कराकर नियमानुसार अवशेष राशि का भुगतान कराया जाएगा।

तीन लाख में 1.24 लाख रुपये का भुगतान अब तक नहीं हो सका

डीएम के साथ अन्य अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया


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