एटा:- जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांजैक्शन डीबीटी के माध्यम से बच्चों को निशुल्क को यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग व जूते मोजे के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जानी थी। इसमें लापरवाही बरतने वाले 38 शिक्षकों का वेतन रोका गया है। साथ ही इनकी सूची शासन को भेजी गई है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले डीबीटी के कार्य में लापरवाही बरती गई है। इसकी वजह से 2293 बच्चों को सर्दी में जूते मोजे और यूनिफॉर्म स्वेटर नहीं मिल सकी। इसको गंभीरता से लिया गया है और लापरवाही बरतने वाले 38 शिक्षकों की सूची महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक उत्तर प्रदेश को भेजी गई है।

उन्होंने बताया कि शैक्षिक सत्र 2021-22 जूते मोजे, स्वेटर, स्कूल बैग और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए छात्र छात्राओं को डीबीटी के माध्यम से ₹1100 दिए जाने है। यह रकम छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खातों में भेजी जानी है। इसके लिए आधार कार्ड को खाते से लिंक कराने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों को दी गई है। डीबीटी की रकम से वंचित बच्चों के मामले में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और जिओ को 24 फरवरी और बाद में 26 फरवरी तक जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया था। इनमें से 38 शिक्षकों की ओर से संतोषजनक जवाब दाखिल नहीं किया गया। इन सभी 38 शिक्षकों का वेतन रोकते हुए उनकी सूची कार्रवाई के लिए शासन को भेजी गई है।


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