DBT व्यवस्था बनी शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब, पैसा नही पहुंचने वाले अभिभावक लगा है विद्यालय का चक्कर, शिक्षक रहे समझा

वाराणसी:- बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के ड्रेस का पैसा इस बार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित कर दिया है। वही जनपद में हजारों अभिभावकों के बैंक खाते में ड्रेस का पैसा अब तक नहीं पहुंचा है। उसे लेकर परेशान हैं ऐसे अभिभावक बैंक और विद्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

स्कूल में कर रहे पैसा न पहुंचने की शिकायत:-

छात्र-छात्राओ के अभिभावकों के बैंक खाते में ड्रेस की धनराशि न पहुंचने से अभिभावक विद्यालय में शिकायत कर रहे है, की हमारे कहते में अभी तक पैसा नही आया है। शिक्षक समझाने का प्रयास कर रहे है। शिक्षक कह रहे हैं ना हो परेशान जल्द ही आ जाएगा सभी का रुपया।

इन अभिभावकों को इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं उनका लाडला ड्रेस जूता मोजा हुआ स्कूल बैग की सुविधा से वंचित न रह जाए। दूसरी ओर जिन अभिभावकों के खाते में पैसा पहुंच चुका है वह ड्रेस खरीदने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

केंद्र व राज्य सरकार संयुक्त रूप से बेसिक शिक्षा विभाग के पपरिषदीय तथा अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रत्येक वर्ष मुफ्त में दो सेट ड्रेस और जूता मोजा, स्वेटर व स्कूल बैग उपलब्ध कराती है। वही इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने यूनिफॉर्म स्वेटर जूता मोजा स्कूल बैग का 1100 रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं के माता-पिता व अभिभावकों के खाते में स्थानांतरित किया है। इसके पीछे विभाग का मुख्य उद्देश्य कमीशन खोरी पर लगाम लगाना है सभी अभिभावक अपनी मनपसंद दुकान से स्वयं यूनिफार्म कर सकें। इसके तहत पिछले दिनों करीब एक लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में ड्रेस का पैसा पहुंच गया है वहीं 23000 अभिभावकों का बैंक खाता आधार से लिंक ना होने के कारण उन्हें अब तक पैसा नहीं भेजा जा सका है।

खंड शिक्षा अधिकारी को इन अभिभावकों के बैंक खाते का विवरण दोबारा परीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा अन्य गड़बड़ी के चलते कई अभिभावकों के खाते में अब तक पैसा नहीं भेजा जा सका है। ऐसे अभिभावकों को द्वितीय चरण में डीबीटी करने का फैसला लिया है।


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