बीएसए के इस आदेश से बेसिक शिक्षकों में मची खलबली, गलत सूचना देने पर कार्रवाई का प्रावधान

हाथरस: बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से अब दहेज लेने के बाद जानकारी मांगी गई है। जल्द से जल्द यह सभी जानकारी BEO के माध्यम से बीएसए कार्यालय को देनी होगी।

डीएम ने बीएसए को लिखा पत्र

सरकारी कर्मचारी हो या शिक्षक इनकी शादी समारोह में मोटी रकम खर्च होती है। दान दहेज भी लेना किसी से छिपा नहीं है, लेकिन अब वर्ष 2003 के बाद जिन शिक्षकों की शादी हुई है और उसमें दहेज लिया गया है ऐसे शिक्षकों का व्यौरा शासन ने तलब किया है।

डीएम रमेश रंजन ने बीएसए को पत्र लिखकर जल्द से जल्द रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार का मानना है कि दहेज प्रथा जो कि एक सामाजिक बुराई है। उसको रोकने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 में संशोधित करते हुए कई नियम बदल दिए गए हैं। अब प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय यह उल्लेख करते हुए अपने नियुक्त अधिकारी को को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा। कि उसने अपने विवाह के समय कोई दहेज नहीं लिया है शासन व जिलाधिकारी के निर्देश मिलने के बाद अब बेसिक शिक्षा अधिकारी ने समस्त ब्लॉक के बीईओ को निर्देश जारी किए हैं कि जल्द से जल्द संबंधित प्रारूप पर सूचना बनाकर विभाग को उपलब्ध कराई जाए।

शिक्षकों में मची खलबली

ऐसा नहीं है कि शादी समारोह में शिक्षकों के द्वारा दान दहेज ना लिया गया हो। दहेज लेने की बात शायद ही किसी से छुपी हो, लेकिन अब शासन के द्वारा सूचना मांगे जाने के बाद शिक्षकों के बीच खलबली मच गई है। उन्हें डर सता रहा है कि प्रारूप पर सूचना देने के बाद कहीं शासन क्रॉस चेक़ न करा लें यदि ऐसी स्थिति हुई तो दहेज लेने वाले शिक्षकों का फंसना तय है।

“वर्ष 2003 के बाद शादी करने वाले ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा मांगा गया है जिन्होंने अपनी शादी में दहेज लिया है सभी बीईओ को इस बाबत निर्देश दिए उठ गए हैं यदि कोई शिक्षक गलत या भ्रामक सूचना उपलब्ध कराएगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”- शाहीन बीएसए हाथरस


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