जिले के अंदर स्थानांतरण को 19 से 31 मई तक बनेंगे जोड़े
आनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया शुरू, गर्मी की छुट्टी में आदेश
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लखनऊ: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के जिले के बाहर और अंदर पारस्परिक स्थानांतरण के लिए सत्यापन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई। पिछले एक वर्ष से स्थानांतरण का इंतजार कर रहे परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को बड़ी राहत मिल गई है। बीती 22 अप्रैल तक शिक्षकों से आनलाइन आवेदन लिए गए थे और 23 अप्रैल को आवेदन फार्म के प्रिंटआउट सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय में जमा कराए गए थे।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी के मुताबिक एक से दूसरे जिले में यानी अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के आवेदनों की बीएसए द्वारा जांच शुक्रवार से शुरू की गई जो 28 अप्रैल तक चलेगी। 29 अप्रैल से तीन मई तक जिला स्तरीय कमेटी द्वारा इन आवेदनों की जांच की जाएगी। पांच मई से 15 मई तक अध्यापक अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आपस में आनलाइन सहमति देंगे यानी वे अपना जोड़ा बना सकेंगे। शिक्षकों का आनलाइन स्थानांतरण
आदेश 20 मई को जारी किया जाएगा। ग्रीष्मावकाश यानी 20 मई से 15 जून तक इन्हें स्थानांतरित जिले के विद्यालय में कार्यभार संभालने के लिए कार्यमुक्त किया जाएगा।
उधर दूसरी ओर अंतः जनपदीय यानी जिले के भीतर ही एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के आवेदनों की जांच भी शुक्रवार से शुरू कर दी गई जो 28 अप्रैल तक चलेगा। जिला स्तरीय कमेटी द्वारा इसकी जांच 29 अप्रैल से तीन मई तक की जाएगी। अध्यापक आपसी सहमति से जिले के भीतर एक से दूसरे विद्यालय में पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आनलाइन सहमति यानी वह 19 मई से 31 मई तक जोड़ा बना सकेंगे। तीन जून को इनके स्थानांतरण का आदेश जारी होगा और ग्रीष्मावकाश में यह शिक्षक भी दूसरे विद्यालय में अपना कार्यभार संभालेंगे।
इससे विद्यालय खुलने पर पठन-पाठन प्रभावित नहीं होगा। बीते वर्ष पारस्परिक स्थानांतरण नहीं हो सके थे। उससे पूर्व शैक्षिक सत्र 2023-24 में हुए स्थानांतरण में 23,690 शिक्षकों का जिले के अंदर और 2,403 अध्यापकों का एक से दूसरे जिले में स्थानांतरण हुआ था।
शिक्षकों का एक प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक से दूसरे प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर, एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक दूसरे प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक से प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक के पद पर स्थानांतरित किया जा सकेगा।
शिक्षकों का विषय एक समान होना आवश्यक है। सभी जिलों में स्थानांतरण के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र (डायट) के प्राचार्य की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि इससे शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी।