उधार के तेल नमक से बन रहा बच्चों का मिड डे मील
प्रयागराज: परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उधार के तेल,नून और सब्जी से बच्चों का मिड डे मील बन रहा है। महामारी काल की बंदी के बाद 24 अगस्त 2021 से उच्च प्राथमिक विद्यालय और 1 सितंबर 2021 से प्राथमिक विद्यालय खुल चुके हैं। लेकिन सरकार ने मध्यान भोजन परिवर्तन लागत का बजट जारी नहीं किया है। कक्षा 1 से 5 तक के प्रत्येक बच्चे के लिए 4.97 रुपए और उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रत्येक बच्चे के लिए 7.45 रुपए परिवर्तन लागत के रूप में मिलते हैं। इससे प्रधानाध्यापक सब्जी, दाल, तेल, नमक, मसाला, सब्जी वगैरह का इंतजाम करते हैं प्रत्येक बच्चे को हर सोमवार एक फल और बुधवार को दूध भी इसी पैसे से दिया जाता है परिवर्तन लागत ना मिलने से प्रधानाध्यापक या तो उधार लेकर भोजन बनवा रहा है या फिर अपने वेतन से खर्च कर रहे हैं। अप्रैल में हुए पंचायत चुनाव में जिन गांवों में नए प्रधान चुने गए हैं वहां शिक्षकों को और परेशानी हो रही है क्योंकि प्रधान मदद करने को तैयार नहीं है पुराने प्रधान जानते हैं कि लेटलतीफी से हो सही रुपया आ जाएगा तो वे सहयोग कर रहे हैं। मिड डे मील के जिला समन्वयक राजीव त्रिपाठी का कहना है कि शासन से बजट मिलते ही खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
4 लाख रसोइयों का 7 महीने से नहीं मिला मानदेय
प्रदेश के 4 लाख रसोइयों को 7 महीने से मानदेय नहीं मिला है रसोइयों को साल के 12 महीने में से 10 महीने प्रति माह डेढ़ हजार रुपए मिड डे मील पकाने के लिए मिलते हैं। मानदेय न मिलने से दशहरा तो सुना बीता ही दीपावली भी फीकी रहने की आशंका है।
परिवर्तन लागत बढ़ाने पर कोई निर्णय नहीं
केंद्र सरकार हर साल अप्रैल में परिवर्तन लागत निर्धारण करती है लेकिन इस बार अब तक नई दरें तय नहीं हो सकी है 1 अप्रैल 2020 के बाद इसका नया मानक तय नहीं किया गया प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि तब से अब तक महंगाई आसमान छू रही है ऐसे में महंगाई को देखते हुए परिवर्तन लागत में भी उसी अनुपात में वृद्धि होनी चाहिए।