आउटसोर्स सेवा शर्तों में एकरूपता नीति पर हलफनामा दाखिल

प्रयागराज:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी विभागों में सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों के मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इन कर्मचारियों के वेतन, अवकाश, काम की अवधि और मानव शक्ति माडल सेवा शर्तों को लेकर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने हलफनामा दाखिल किया। कोर्ट ने हलफनामे को फ़ाइल में रखते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्स संविदा कर्मचारी संघ की याचिका पर दिया है।

इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश की गई नीति को पर्याप्त नहीं माना था और कहा था कि कई बिंदु छूट गए हैं। सभी पहलुओं पर मुख्य सचिव को नीति निर्धारित कर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। याचिका में सेवा प्रदाता एजेंसियों की ओर से दी जा रही मानव शक्ति सेवा के श्रमिकों को मिलने वाले मानदेय में विभिन्न विभागों में अंतर को समाप्त करने व काम की निश्चित अवधि व अवकाश आदि सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा था कि सेवा शर्तों में एकरूपता बनाए रखने वाली नीति तैयार करते समय गुजरात मजदूर सभा केस में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को भी शामिल किया जाए।


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