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यूपी : संविदा कर्मियों के मानदेय से होगी ईपीएफ की पूरी कटौती, 10 हजार नहीं, 7500 रुपये ही मिलेगा ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय


लखनऊ: प्रदेश में मनरेगा के ग्राम रोजगार सेवकों सहित अन्य संविदा कर्मियों के ईपीएफ की पूरी कटौती कर्मचारियों के मानदेय से की जाएगी। वहीं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों ने दूसरी ओर उनके मानदेय में कटौती का रास्ता निकाल दिया है। मुख्यमंत्री ने ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय 6780 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की घोषणा की थी। लेकिन नियोक्ता के पीएफ की वसूली भी कर्मचारियों से ही करने के कारण अब ग्राम रोजगार सेवकों को मात्र 7000 रुपये ही मानदेय मिलेगा।प्रदेश सरकार ने मनरेगा कर्मचारी सम्मेलन में 4 अक्तूबर को  ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय 6,780 से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने, तकनीकी सहायकों का मानदेय 12,656 से बढ़ाकर 15,656 रुपये, कम्यूपटर सहायकों का मानदेय 12,656 से बढ़ाकर 15,156 रुपये, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों का मानदेय 31,640 रुपये से बढ़ाकर 34,140 रुपये, लेखा सहायकों का मानदेय 12,656 से बढ़ाकर 15,156 रुपये करने, ऑपरेशन सहायकों का मानदेय 15,830 से बढ़ाकर 18,320 रुपये करने, हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव का मानदेय 15,820 से बढ़ाकर 18,320 रुपये करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का मानदेय 7,910 से बढ़ाकर 9 हजार रुपये करने, ब्लॉक सोशल को-आर्डिनेटर का मानदेय 11,600 से बढ़ाकर 14,100 रुपये और जिला सोशल ऑडिट को-आर्डिनेटर का मानदेय 17,400 से बढ़ाकर 19,900 रुपये करने करने की घोषणा की है।अब तक की व्यवस्था में कर्मचारियों के वेतन के सापेक्ष 25 प्रतिशत पीेफ जमा किया जाता था। इसमें से 12 प्रतिशत कर्मचारी के वेतन से और 13 प्रतिशत नियोक्ता की ओर से जमा किया जाता था।

उदाहरण के लिए ग्राम रोजगार सेवक को मिलने वाले 6000 रुपये मानदेय में से 12 प्रतिशत कटौती करने से उन्हें 5280 रुपये नकद मानदेय मिलता था। लेकिन सरकार की ओर से पीएफ में 13 प्रतिशत अंशदान देने से कुल मानदेय 6780 रुपये होता था। अब ग्राम्य विभाग ने ईपीएफ की पूरी कटौती दस हजार रुपये में से ही करने का आदेश जारी किया है। इसके चलते अब ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय मात्र 7500 रुपये मिलेगा।ग्राम रोजगार सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश सिंह ने सरकार के इस निर्णय से नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि सरकार भी निजी कंपनी की तरह ईपीएफ की पूरी कटौती कर्मचारियों से कर ही है जो कि नियम विरुद्ध है। उनकी मांग है कि कर्मचारी को घोषित पूरा मानदेय दिया जाए और नियोक्ता के ईपीएफ शेयर का भुगतान सरकार अलग से करे।अपर मुख्य सचिव ग्राम विकास मनोज कुमार सिंह ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवक सहित किसी मानदेय कर्मी को कोई नुकसान नहीं है। ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय 3 हजार रुपये से अधिक बढ़ा है।


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