892 स्कूलों में काफी संख्या में बच्चों के ड्रेस की नहीं हुई खरीद
ज्ञानपुर:- परिषदीय स्कूलों ड्रेस नहीं बनवाने वाले विद्यार्थियों को नए सत्र में डीबीटी की धनराशि नहीं मिलेगी । बच्चों को इस बार नए ड्रेस , जूते मोजे के लिए धनराशि तभी मिल सकेगी , जब वे पुरानी ड्रेस दिखाएंगे । इसके लिए विद्यार्थियों को शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा विभाग के पोर्टल पर ड्रेस में अपनी फोटो अपलोड करनी होगी पुष्टि होने के बाद ही उन्हें नए सत्र के लिए ड्रेस की धनराशि मिलेगी ।
जिले में 892 प्राथमिक , पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय हैं । पांच कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं । इन विद्यालयों में एक लाख 83 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं । कोरोना संक्रमण के मद्देनजर वर्ष 2021 के सत्र में यूनिफार्म , बैग , जूता – मोजा आदि की खरीद के लिए 1100 की दर से सभी बच्चों के खाते में धनराशि भेजी गई थी । उस दौरान 80 फीसदी से अधिक बच्चों के अभिभावकों ने ड्रेस सहित अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी कर ली , लेकिन बड़ी संख्या में अभिभावकों ने अभी तक बच्चों का ड्रेस नहीं बनवाए हैं । वर्ष 2022 के शिक्षा सत्र में नामांकन पूर्ण होने पर विद्यार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 1100 1100 रुपये की धनराशि भेजा जाएगी । शासन ने इस बार भी ड्रेस संग अन्य सामग्री की खरीद के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजने का फैसला लिया है ।
मोजे जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए ड्रेस , स्वेटर , जूते और बैग की खरीद है , शिक्षकों को ऐसे बच्चों की फोटो खींचकर प्रेरणा एप पर अपलोड करनी होगी । अध्यापकों को मई माह तक फोटो खींचकर अपलोड करना होगा । इसके बाद 1100 रुपये की दर से नए सत्र में ड्रेस आदि की धनराशि शासन स्तर से जारी की जाएगी । इस संबंध में बेसिक शिक्षा सचिव का पत्र आने पर विभागीय अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है ।
गिने – चुने स्कूलों में ही शत प्रतिशत खरीदारी
ज्ञानपुर जिले के 892 प्राथमिक , पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में गिने – चुने स्कूल ही ऐसे हैं , जहां शत प्रतिशत खरीदारी की गई है । इन विद्यालयों में पंजीकृत करीब 33 हजार बच्चों के अभिभावकों ने ड्रेस की खरीद नहीं की है । कंपोजिट विद्यालय कूड़ी में पंजीकृत 200 बच्चों में से 100 ने इस की खरीद नहीं की है । पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरिस में पंजीकृत 167 में से 40 ने ड्रेस की खरीद नहीं की । विभाग के लोगों का कहना है कि कुछ स्कूलों को छोड़कर अन्य में 30 से 40 विद्यार्थियों ने ड्रेस नहीं बनवाया।
“जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को 1100 रुपये में स्वेटर , ड्रेस , जूते मोजे और बैग दिला दिए हैं , उन्हीं के खाते में ही नए सत्र के लिए धनराशि भेजी जाएगी अध्यापकों को बच्चों की फुल ड्रेस में फोटो प्रेरणा एप पर अपलोड करनी होगी । जिन अभिभावकों ने शासन से आया बजट बच्चों पर खर्च नहीं किया है , उनके खातों में धनराशि नहीं भेजी जाएगी।”- भूपेंद्र नारायण सिंह , बीएसए भदोही