70 फीसदी से कम डीबीटी, सौ प्रधानाध्यापकों को नोटिस, 31 जुलाई तक पूर्ण न होने पर वेतन रोकने की चेतावनी

50 हजार बच्चों के नाम पोर्टल पर नहीं हो सके अपलोड

ज्ञानपुर । परिषदीय स्कूलों के बच्चों की डीबीटी ( डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ) शिक्षकों के लिए गले की फांस बन गया है । तमाम कवायद के बाद भी 50 हजार बच्चों का नाम पोर्टल पर दर्ज नहीं हो सका । 70 फीसदी से कम डीबीटी कराने वाले 100 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को विभाग ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है । एक सप्ताह में कम से कम 90 फीसदी न होने पर वेतन रोकने की चेतावनी दी गई ।

जिले के 891 प्राथमिक , पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में दो लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं । जहां कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार दो जोड़ी ड्रेस , एक स्वेटर , एक जूता , दो जोड़ी मोजे और एक बैग प्रदान करती है 2020 तक यह राशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी जाती थी , जिससे वह संस्थाओं के माध्यम वितरण कराती । कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने सीधे अभिभावकों के बैंक खाते में यह राशि भेजने की व्यवस्था है ।

2021 में किसी तरह सभी बच्चों के खाते में यह रकम भेजी , लेकिन 2022 में बिना आधार नंबर से जुड़े बच्चों को 1200 1200 की यह राशि नहीं भेजी आधार जाएगी । इसके लिए शासन प्राथमिकता से बच्चों का नंबर फीड कराना चाहता है । 15 अगस्त से पूर्व अभिभावकों के खाते में यह धनराशि भेजी जानी जिससे सरकार शत – प्रतिशत बच्चों की डीबीटी कराना चाहती अभिभावकों की उदासीनता से बच्चों का आधार न बनने से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है । आधार न बनने से बड़ी संख्या में बच्चों की डीबीटी नहीं हो सकी ।

विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो दो लाख चार हजार नामांकित बच्चों एक लाख 53 हजार का ही पोर्टल पर नाम दर्ज हो सका है जिसको लेकर बीएसए ने नाराजगी जताई । 100 से अधिक स्कूलों में 70 फीसदी बच्चों का डीबीटी नहीं हो सका है । ऐसे स्कूल के प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है । इसमें भदोही ब्लॉक के 50 विद्यालय शामिल है

“डीबीटी का कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है एक लाख 53 हजार बच्चों का नाम पोर्टल पर दर्ज कर भेज दिया गया है । जुलाई तक सभी बच्चों की डीबीटी करा दी जाएगी । 100 प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।” भूपेंद्र नारायण सिंह , बीएसए


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