Prerana DBT // डीबीटी में संदिग्ध मिला 25,986 बच्चों का डाटा

सुल्तानपुर:- निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग व जूता मोजा के लिए बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजे जाने वाली धनराशि के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। 2,91,376 नामांकन में से 25,986 बच्चों के नामांकन संदिग्ध पाए गए हैं। संदिग्ध मिले इन छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजने पर राज्य परियोजना निदेशालय ने रोक लगा दी है। परिषदीय प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग और जूता मोजा क्रय करने के लिए धनराशि अभिभावकों के खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से हस्तांतरित की जा रही है। नामांकित 2,91,376 खातों में से 25,986 खाते संदिग्ध पाए गए हैं।

संदिग्ध मिले इन खातों को राज्य परियोजना निदेशालय ने डीबीटी प्रक्रिया से अलग कर दिया है। सत्यापन के बाद ही इनके खातों में धनराशि भेजी जा सकेगी डीबीटी प्रक्रिया में कौन सीडेड खाते भी सिरदर्द बने हुए हैं। जिले के कुल 23,229 खाते नान सीडेड (आधार से लिंक नहीं और निष्क्रिय खाते) पाए गए है नॉन सीडेड खातों में डीबीटी नहीं हो पा रहा है।

संदिग्ध मिले डाटा में अधिकतर ऐसे हैं जिन्होंने एक से अधिक विद्यालयों में नामांकन करा रखा है जांच के बाद वास्तविक स्थिति सामने आएगी।”-धर्मेश गुप्ता जिला समन्वयक  एमआईएस

“डीबीटी में मिले संदिग्ध डाटा की जांच कराई जाएगी, किसी भी अपात्र व 2 विद्यालयों में नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ नहीं मिल सकेगा।”-दीवान सिंह यादव बीएसए


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