शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा आवेदन की अंतिम तिथि को नियुक्ति की अर्हता जरूरी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को अभ्यर्थी पद के लिए अर्ह होना चाहिए। अंतिम तिथि के बाद यदि कोई अभ्यर्थी बैक पेपर से बीटीसी पास होता है। तो वह नियुक्ति के लिए अर्ह नहीं है। बैक पेपर से बीटीसी पास होने का मतलब यह कदापि नहीं हो सकता कि अभ्यर्थी को भूतलक्षी प्रभाव से शिक्षक पद के लिए अर्ह माना जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने अंजली सिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची ने सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मांग की थी। याची की नियुक्ति की नियुक्ति की मांग की थी याची की नियुक्ति की मांग पर इस आधार पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि उनके पास प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर 2018 तक बीटीसी पास होने की निर्धारित योग्यता नहीं थी या चीनी बैक पेपर से बीटीसी परीक्षा 2019 में उत्तीर्ण की। याची का कहना था कि शासनादेश 5 मार्च 2021 में व्यवस्था दी गई है। बीटीसी के नंबर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन जो बैक पेपर से होगा। उसका भी अधिकारी संज्ञान लेंगे।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शाहजहांपुर ने कहा है कि याची को शासनादेश 5 मार्च 2021 का लाभ नहीं मिल सकता । पीठ ने कहा कि प्रतिपादित सिद्धांत है कि किसी भी अभ्यर्थी की योग्यता का परीक्षा प्रार्थना पत्र देने की अंतिम तिथि तक होना चाहिए। याची प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर 2018 तक बीटीसी की योग्यता नहीं रखती थी।


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