छुट्टी में समर कैंप को लेकर शिक्षक संघ और विभाग में टकराव
शिक्षक संगठनों ने महानिदेशक से समर कैम्प के आदेश वापस लेने की अपील की
संगठनों ने कहा भीषण गर्मी में विद्यालयों में समर कैम्प जोखिम भरा हो सकता है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में भीषण गर्मी और ग्रीष्मावकाश में समर कैम्प आयोजित करने के आदेश से विभाग और शिक्षक संगठनों टकराव की स्थिति बन गई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद और बेसिक शिक्षा विभाग दोनों ने ही पांच से 11 जून तक विद्यालयों में समर कैम्प आयोजित करने के आदेश जारी किए हैं। जबकि शिक्षक संगठनों का कहना है कि ग्रीष्मावकाश चल रहा है और प्रदेश में पारा 43 से 48 डिग्री है। ऐसे समय में समर कैम्प कराना जोखिम भरा हो सकता है।महानिदेशक शिक्षा के समर कैम्प कराने के आदेश के साथ ही शिक्षक संगठनों ने विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएश उत्तर प्रदेश, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट समेत अन्य शिक्षक संगठन समर कैम्प के आदेश के विरोध में उतर आए हैं। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएश ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा के साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर विरोध जताया है।
एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि पांच से 11 जून तक विद्यालयों में अनेक गतिविधियों को कराए जाने के आदेश करते समय महानिदेशक ने यह भी संज्ञान में नहीं रखा कि वर्तमान समय में 20 मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश चल रहा है। अधिकांश बेसिक शिक्षक दूरस्थ जनपदों में कार्यरत है। वह ग्रीष्मावकाश में अपने-अपने घरों को जा चुके हैं। बच्चों के अभिभावक भी अपनें पाल्यों के साथ अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार ग्रीष्म अवकाश का उपभोग कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश की भौगोलिक स्थिति जिसमें वर्तमान में प्रदेश का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस के मध्य चल रहा है, घर से बाहर निकलना मुश्किल है। सरकार द्वारा भीषण गर्मी से बचाव के लिए चेतावनी जारी है। आदेश जारी करते यह भी ध्यान नहीं रखा गया है कि ऐसी भीषण गर्मी में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले अल्प आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा? भीषण गर्मी के कारण अल्प आयु के बच्चे, कालरा, डायरिया एवं लू से ग्रसित होकर हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं। यह आदेश शासनादेशों, बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली तथा अवकाश नियमों के विपरीत है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने कहा कि ग्रीष्मावकाश अधिनियमित व्यवस्था के अंतर्गत दिया जाता है। दी गई व्यवस्था के विपरीत जाकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा निर्गत आदेश का उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट पुरजोर विरोध करता है और महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश से मांग करता है कि अधिनियमित व्यवस्था के विपरीत जाकर निर्गत किए गए आदेश को तत्काल वापस ले।
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