यूपी बोर्ड स्क्रूटनी: 31 हजार से अधिक आवेदन मिले, हाईस्कूल के 5,495 व इंटर के 25,699 विद्यार्थियों ने किए आवेदन


सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सन्निरीक्षा शुरु 15 जुलाई तक परिणाम

प्रयागराज। यूपी बोर्ड को स्क्रूटनी (सन्निरीक्षा) के लिए कुल 31,194 आवेदन मिले हैं। परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हाईस्कूल के 5,495 व इंटरमीडिएट के 25,699 परीक्षार्थियों ने आवेदन किए हैं। यूपी बोर्ड ने सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में स्क्रूटनी की प्रक्रिया शुरू करा दी है। 15 जुलाई तक परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।

स्क्रूटनी के लिए सर्वाधिक 12,317 आवेदन यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय को मिले हैं। इनमें हाईस्कूल के 2,316 व इंटरमीडिएट के 10,001 अभ्यर्थियों के आवेदन शामिल हैं। वहीं, आवेदनों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय है, जहां हाईस्कूल के 1.200 व इंटरमीडिएट के 6,133 वहीं, मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय को मिले कुल 5,297 आवेदनों में से हाईस्कूल के 845 व इंटरमीडिएट के 4,452, गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय को मिले 3,529 में से हाईस्कूल के 583 व इंटरमीडिएट के 2,946 और बरेली क्षेत्रीय कार्यालय को मिले 2,718 आवेदनों में से हाईस्कूल के 551 व इंटरमीडिएट के 2,167 परीक्षार्थियों के आवेदन शामिल हैं।

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि स्क्रूटनी का तात्पर्य उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन नहीं है। सन्निरीक्षा कार्य में परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में यह देखा जाएगा कि अलग-अलग प्रश्नों में दिए गए अंकों का योग करने, उन्हें फॉरवर्ड करने या किसी प्रश्न अथवा उसके भाग पर अंक देने से छूट जाने की कोई त्रुटि तो नहीं हुई है।

यूपी बोर्ड स्क्रूटनी के दौरान संदिग्ध पाई जाने वाली उत्तर पुस्तिकाओं की फोरेंसिक जांच कराएगा। सन्निरिक्षित उत्तर पुस्तिकाओं में पूर्व में दिए गए अंकों में ओवर राइटिंग, स्याही में भिन्नता की स्थिति या अमूल्यांकित प्रश्नोत्तर की आख्या अंकित करते हुए यदि अंकों में वृद्धि बताई जाती है तो विषय विशेषज्ञों से गहन जांच कराई जाएगी और प्रकरण संदिग्ध होने की स्थिति में उसकी फोरेंसिक जांच भी होगी।


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