एसडीएम को जन्म और मृत्यु की तिथि के सत्यापन का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट


एसडीएम को जन्म और मृत्यु की तिथि के सत्यापन का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

प्रमाणपत्र के लिए जन्म और मृत्यु के तथ्य का सत्यापन ही पर्याप्त

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि उप जिलाधिकारी को जन्म और मृत्यु की तिथि के सत्यापन का अधिकार नहीं है। वह केवल जन्म या मृत्यु के तथ्य को ही सत्यापित कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चन्द्र दीक्षित की खंडपीठ ने संतोष कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।

मामला एटा जिले के शीतलपुर ब्लॉक के अंबारी गांव का है। याची के पिता लटूरी सिंह की 12 जनवरी 1987 को मृत्यु हो गई थी। 18 अक्टूबर 2023 को याची ने अपने पिता की मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए एटा के एसडीएम सदर को प्रार्थना पत्र दिया। एसडीएम ने बीडीओ शीतलपुर से जांच आख्या तलब की। बीडीओ ने मृत्यु का कारण स्पष्ट न होने का हवाला देते हुए आख्या एसडीएम की भेज दी। इस आधार पर एसडीएम ने मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार कर दिया। जबकि, याची ने प्रार्थना पत्र के साथ ग्राम प्रधान की ओर से जारी प्रमाणपत्र व खतौनी में दर्ज वरासत का प्रमाण संलग्न किया था। इसके बाद याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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