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कन्वर्जन कास्ट का निर्धारण नहीं, बढ़ती महंगाई के चलते गुरुजी के छूट रहे पसीने


   कन्वर्जन कास्ट का निर्धारण नहीं, बढ़ती महंगाई के चलते गुरुजी के छूट रहे पसीने

प्रयागराज : कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मिलने वाले मिड-डे-मील को बनाने में लगने वाली लागत (कन्वर्जन कास्ट) का अब तक निर्धारण न होने से शिक्षक परेशान हैं। केंद्र सरकार हर साल अप्रैल में कन्वर्जन कास्ट या परिवर्तन लागत का निर्धारण कर देती है। लेकिन इस कोरोना काल में अब तक नई दरें तय नहीं हो सकी है।

 पिछले एक अप्रैल 2020 से कक्षा 1 से 5 तक के प्रत्येक बच्चे के लिए 4.97 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रत्येक बच्चे के लिए 7.45 रुपये परिवर्तन लागत के रूप में मिल रही है। शिक्षकों का कहना है कि महंगाई को देखते हुए कन्वर्जन कास्ट में भी वृद्धि होनी चाहिए। पहले ही मध्यान्ह भोजन मुश्किल हो रहा है।

पहले सरसों के तेल की कीमत 100 रुपये थी, जो आज 180 रुपये प्रति लीटर है। गैस सिलेंडर, दाल, मसाले, सोयाबीन आदि सभी चीजों में बढ़ोत्तरी हुई है

 इस साल की बंदी का रुपया भी खाते में जाएगा: प्रयागराज। 2021-22 में एक अप्रैल से लेकर स्कूल खुलने तक की कन्वर्जन कास्ट भी जल्द बच्चों के खाते में भेजी जाएगी। उच्च प्राथमिक स्कूल 24 अगस्त और प्राथमिक स्कूल एक सितंबर से खुले हैं। इस प्रकार 1 से 5 तक के बच्चों को एक अप्रैल से 31 अगस्त तक और 6 से 8 तक के बच्चों को 23 अगस्त की परिवर्तन लागत की राशि मिलेगी। जिला समन्वयक मिड-डे-मील राजीव त्रिपाठी ने बताया कि नए सत्र में बंदी के समय का राशन देने का आदेश हो गया है।

कन्वर्जन कास्ट की दर प्रत्येक वर्ष मंहगाई के अनुसार संशोधित की जाती है। पिछले वर्ष अप्रैल 2020 में संशोधित हुई थी। तब से मंहगाई को देखते हुए पुन: दरें संशोधित होनी चाहिए। कुछ सामग्रियों के दाम में तो अत्यधिक वृद्धि देखी जा रही है।


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