UPTET PAPER LEAK MATTER // ट्रेजरी पहुंचने से पहले ही यूपीटीईटी परीक्षा का पर्चा लीक हो गया था
टीईटी का पेपर ट्रेजरी पहुंचने से पहले ही लीक हो चुका था अब यह पेपर कराने वाली एजेंसी के किसी कर्मचारी ने किया या प्रिंटिंग होते समय अंदर से अथवा परीक्षा नियामक प्राधिकरण के किसी कर्मचारी की मिलीभगत से लिख हुआ इसकी जांच जारी है। अब तक की पड़ताल में तीन पुलिसकर्मी भी एसटीएफ के रडार में है।
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि कई नंबरों की कॉल डिटेल लोकेशन में गिरफ्तार लोगों के पास मिले दस्तावेजों से कई जानकारियां हाथ लगी है। इसके साथ ही सरगना सत्य प्रकाश पटेल के मोबाइल से मिली जानकारी पर पड़ताल काफी आगे बढ़ी है। सोमवार दोपहर तक यही सामने आया कि परिषद ट्रेजरी अथवा किसी परीक्षा केंद्र से लीक नहीं हुआ। यह बात भी सही निकली कि शनिवार देर शाम तक कई अभ्यर्थियों को यह पेपर और उसके उत्तर मिल गए थे। फिर कुछ लोगों ने ज्यादा लालच में ही इसे शनिवार देर रात और रविवार तड़के भी बेच लिया। बस इसके बाद ही सोशल मीडिया पर पर्चा वायरल हो गया था। एसटीएफ का कहना है कि झांसी के दो आरोपी और एक अन्य के हाथ लगते ही इस प्रकरण से पूरी तरह पर्दा उठ जाएगा।
अयोध्या आए इन सॉल्वरों की तलाश तेज:-
वाराणसी में पकड़े गए संदीप वर्मा रमेश और महेश चंद्र ने एसटीएफ के सामने खुलासा किया कि अयोध्या स्थित आर बी अकेडमी इंटर कॉलेज में रंजीत सिंह के स्थान पर अमन सिंह परीक्षा देने पहुंचा था। अमन सॉल्वर है जिसे ₹30000 देने की बात तय हुई थी। आशा बक्स भगवान सिंह डिग्री कॉलेज में अंकित कुमार के स्थान पर धर्मदास, रामसेवक इंटर कॉलेज में अनूप के स्थान पर संतोष कुमार, ग्रामर इंटर कॉलेज में प्रबल सिंह चौहान के स्थान पर अजीत वर्मा सॉल्वर परीक्षा देने पहुंचे थे। इन सब की व्यवस्था रमेश कुमार ने की थी जो कि शाहजहांपुर स्थित मकरन सिंह इंटर कॉलेज में शिक्षक था।
सरकारी प्रेस, फिर भी निजी लोगों से छपवाते हैं पर्चा:-
प्रयागराज:- पेपर लीक के कारण शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी निरस्त कर दी गई पर अभी तक उसके मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसके पीछे कौन लोग हैं कहां से हैं और कैसे पेपर लीक हो गया इसकी अभी जांच चल रही है अफसरों की मानें तो इस मामले में पेपर काटने की जिम्मेदारी उठाने वाली निजी प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका संदिग्ध है प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं।