यूपीटीईटी:- कोर्ट पहुंचेंगे यूपीटीईटी की उत्तरमाला के तीन उत्तर, 2017 की यूपीटीईटी में हाईकोर्ट ने सही माने थे इन्हीं प्रश्नों के उत्तर, पीएनपी से आपत्ति निस्तारण के बाद स्पष्ट होगी अन्य उत्तरों पर स्थिति

प्रयागराज:-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपीटीईटी 2021 की उत्तरमाला उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी पीएनपी की ओर से जारी कर दी गई है। इसमें वर्ष 2017 की यूपीटीईटी में भी पूछे गए उन तीन प्रश्नों में एक उत्तर को सही बताया गया है जिसमें हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों से सहमत होकर दो उत्तरों को सही मानकर समान अंक देने के आदेश दिए थे। इसके अलावा अन्य उत्तरों को लेकर स्थिति आपत्ति निस्तारण के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

उत्तरमाला पर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आपत्ति 1 फरवरी 2022 तक मांगी गई है। वर्ष 2017 की यूपीटीईटी में 14 प्रश्नों पर पीएनपी की उत्तरमाला से सहमत होकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मामला डबल बेंच तक गया था जिसमें 3 प्रश्नों के उत्तर सही माने गए थे। वहां की उत्तरों पर कोई बदलाव नहीं किया गया था। यह विवादित सचिव वर्ष 2021 की यूपीटीईटी के प्रश्न पत्र में भी आए हैं।

बाल विकास एवं शिक्षण विधि विषय में “निम्न में कौन सा सूजनन शास्त्र के पिता से जुड़ा हुआ है?” इसमें हाई कोर्ट ने गॉल्टन और क्रो एंड क्रो दोनों उत्तरों को सही माना था।

इसी तरह एक और प्रश्न “घास भूमि क्षेत्र के परितंत्र के खाद्य श्रंखला के सबसे ऊंचे स्तर पर उपभोक्ता होता है?” इसमें पीएनपी ने मांसाहारी को सही माना था जबकि हाईकोर्ट ने 2017 के इस प्रश्न में मांसाहारी के साथ जीवाणु को भी सही मानते हुए दोनों उत्तरों पर समान अंक देने के आदेश दिए थे

इसी तरह एक अन्य प्रश्न “आंख की किरकिरी होने का अर्थ है?” प्रश्न पर हाईकोर्ट के आदेश पर अप्रिय लगना और कष्टदायी होना दोनों को सही उत्तर माना गया था।

कौशांबी में सहायक अध्यापक अनिल कुमार पांडेय का कहना है कि 2017 की यूपीटीईटी में कोर्ट जा चुके इन प्रश्नों को 2021 की परीक्षा से हटाकर कोर्ट जाने की संभावनाओं को रोका जा सकता था या कम किया जा सकता था। अब क्वालीफाइंग अंक से 1 अंक कम पाने वाले अभ्यर्थी विवादित तीनों प्रश्नों के सही उत्तर को लेकर कोर्ट का रुख अपनाएंगे क्योंकि यह अंक उन्हें परीक्षा में सफल होने का मार्ग प्रशस्त करेगा।


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