राज्यकर्मियों को भी यूपीएस का विकल्प देने की तैयारी


राज्यकर्मियों को भी यूपीएस का विकल्प देने की तैयारी

एक अप्रैल से केंद्र में लागू होने के बाद शुरू होगी तैयारी, प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों को मिलेगा विकल्प चुनने का अवसर

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लखनऊ। राज्य कर्मचारियों को भी केंद्र की तर्ज पर एकीकृत पेंशन स्कीम (यूपीएस) का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। एक अप्रैल से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये विकल्प खोल दिया जाएगा। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में लगभग 8 लाख राज्य कर्मचारियों को भी विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा।

केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का नोटिफिकेशन बृहस्पतिवार को जारी कर दिया था। यूपीएस के नियम एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। यूपीएस लागू होने के बाद जो कर्मचारी सरकारी सेवा में आएंगे, उन्हें यूपीएस का लाभ मिलेगा। वहीं इस नई पेंशन स्कीम को वे पुराने कर्मचारी भी चुन सकेंगे, जो एक अप्रैल, 2025 को सेवा में होंगे। एकीकृत पेंशन स्कीम के तहत जो नियम तय किए गए हैं, उसके तहत 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने से ठीक पहले 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेंशन मिलेगी।

वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक बाद ही यूपी में लागू किया जाएगा। राज्य सरकार के लगभग 8 लाख कर्मचारियों के पास यूपीएस और एनपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा।

नए कर्मचारी यूपीएस ही लेंगे, इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा। केंद्र ने इसे लागू करने की प्रक्रिया सितंबर 2024 में शुरू की थी, जो एक अप्रैल 2025 को प्रभावी होगी। यानी केंद्र को भी यूपीएस लागू करने से पहले की प्रक्रियाओं और औपचारिकताओं में सात महीने लगे। यूपी में भी इसे लागू करने पर न्यूनतम इतना समय लग सकता है।

अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी यूपीएस के तहत पेंशन का लाभपाना चाहता है तो उन्हें पोर्टल पर यूपीएस का विकल्प चुनकर क्लेम फार्म भरना होगा। इस योजना के तहत कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए 10 फीसदी योगदान देंगे। वहीं सरकार का योगदान बेसिक पे और महंगाई भत्ते की कुल राशि का 18.5 फीसदी हो जाएगा।


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