बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

कक्षा तीन के छात्र सीखेंगे क्षेत्रीय बोलियां


कक्षा तीन के छात्र सीखेंगे क्षेत्रीय बोलियां

परिषदीय विद्यालयों के पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी ने नये सत्र से किया बदलाव

ब्रज, अवधी, बुंदेली व भोजपुरी में लोकगीत किए गए शामिल

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लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नए सत्र 2025-26 में कक्षा तीन में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाई जाएंगी। इन किताबों में स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ी चीजें शामिल की गई हैं। छात्रों को क्षेत्रीय बोलियों में लोकगीत व पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी जाएगी। प्रदेश के उत्सव और पर्व के बारे में भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

पाठ्यक्रम में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से हिंदी, अंग्रेजी व गणित के पाठ्यक्रम में आंशिक बदलाव स्थानीय स्तर पर किया गया है। इसके तहत अब कक्षा तीन के छात्र क्षेत्रीय बोलियों व्रज, अवधी, बुंदेली व भोजपुरी में भी सीखेंगे। इन बोलियों में लोकगीत, पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी चीजें आदि शामिल को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे छात्र प्रदेश की भाषाई विविधता से समृद्ध होंगे।

इसी तरह देश के प्रसिद्ध शहरों के नाम, विभिन्नता के साथ वे अनेकता में एकता की भी शिक्षा लेंगे। इसमें चंडीगढ़, जयपुर, अमृतसर, कोलकाता के साथ उत्तर प्रदेश व राजधानी लखनऊ, प्रदेश के उत्सवों और पर्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। वहीं, बच्चों को यूपी के खानपान, छोले-समोसे, खीर आदि के बारे में भी बताया जाएगा। हिंदी के पाठ्यक्रम में ही बच्चों को वाराणसी की यात्रा, यहां की ऐतिहासिकता, कलाकारों, गंगा घाट, मंदिर, बौद्ध तीर्थ व व्यंजनों के बारे में भी बताया जाएगा। हिंदी में दो दोस्तों की कहानी घुमक्कड़ तारक भी जोड़ा गया है। इससे बच्चों को आपसी प्रेम व सौहार्द के प्रति प्रेरित किया जाएगा। अंग्रेजी में बच्चों को कठिन शब्दों का हिंदी में उच्चारण बताते हुए उनका अर्थ भी बताया गया है।


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