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राज्य विधि अधिकारियों को सरकारी संस्थाओं से फीस लेने का हक नहीं-हाईकोर्ट


राज्य विधि अधिकारियों को सरकारी संस्थाओं से फीस लेने का हक नहीं

प्रयागराज:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य विधि अधिकारी दोहरा लाभ नहीं ले सकता। वह सरकारी अधिवक्ता रहते हुए प्राधिकरणों, निगमों या अन्य सरकारी संस्थाओं से फीस पाने का हकदार नहीं हैं। इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता के रूप में विधि अधिकारी को सरकारी मशीनरी मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीएम) से फीस पाने का अधिकार नहीं है।मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मधुसूदन हुलगी हाईकोर्ट में हाजिर हुए थे। कोर्ट ने उन्हें याची के बकाया वेतन भुगतान सहित 103 अतिरिक्त पदों की सरकारी मंजूरी पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली तिथि पर हाजिरी माफ कर दी। याचिका की सुनवाई अगस्त 22 के प्रथम सप्ताह में होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने राजीव कुमार की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट ने याची की सेवा नियमित करने का निर्देश दिया था, जिसका पालन नहीं किया गया तो याचिका दायर की गई। कोर्ट ने के उपाध्यक्ष को तलब किया। उन्होंने हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्राधिकरण ने याची को नियमित करने को स्वीकार नहीं किया है और 2019 में ही 103 कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पद सृजित करने का राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है।इसमें याची का नाम भी भेजा गया है, जिसका इंतजार किया जा रहा है। 29 अप्रैल 22 से याची की सेवा बहाली कर दी गई है और नियमित वेतन भुगतान किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा 2016 नियमावली के तहत याची की सेवा नियमित करने का आदेश दिया गया था, जिसका पालन नहीं किया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट से आदेश की पुष्टि हो चुकी है।


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