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परीक्षा को त्योहार की तरह मनाएं-प्रधानमंत्री, परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में पीएम ने कही ये बात


परीक्षा को त्योहार की तरह मनाएं-प्रधानमंत्री, परीक्षा में चर्चा कार्यक्रम में पीएम ने कही ये बात

लखनऊ:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोर्ड की परीक्षाओं से पहले छात्र-छात्राओं को उत्साहवर्धन जरुर करते हैं। पीएम मोदी रेडियो तथा टीवी पर मन की बात के साथ ही परीक्षा पे चर्चा को अपना प्रिय कार्यक्रम मानते हैं। इसी कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को उन्होंने छात्रों से ऑनलाइन बात की। परमवीर चक्र विजेता मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल में इस कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं के साथ स्कूल के स्टाफ तथा उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी भी मौजूद रहीं। इस कार्यक्रम में पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को आना था लेकिन अंतिम समय में उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार तो त्योहारों के बीच में परीक्षाएं होती हैं। इस वजह से त्योहारों का मजा नहीं ले पाते लेकिन अगर परीक्षाओं को ही त्योहार बना दें तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है। परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी के संबोधन को बच्चों ने बड़े ही ध्यान से सुना।प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी परीक्षा से पहले खुद को जानना बहुत जरूरी है। आप स्वयं के विषय का जरूर विश्लेषण कीजिए। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षक से कहा कि अपने मन की आशा, अपेक्षा के अनुसार अपने बच्चे पर किसी प्रकार का बोझ न बढ़ाएं।पीएम मोदी ने इस दौरान अभिभावकों के साथ शिक्षकों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि अब बच्चा दिन भर क्या करता है, उसके लिए मां-बाप के पास समय नहीं है। शिक्षक को केवल सिलेबस से लेना-देना है कि मेरा काम हो गया, मैंने बहुत अच्छी तरह पढ़ाया लेकिन बच्चे का मन तो कुछ और करता है। आप लोग बच्चे को जब बेहतर ढंग से समझेंगे तो फिर उसको कम समय में निखार देंगे। अपने इन अनुभवों को, जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए।प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहा कि मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि दिन भर में कुछ पल अपने लिए निकालें जिसमें सिर्फ अपने अंदर की ऊर्जा और अनुभव के बारे जानने का प्रयास करें। आप किसी दबाव में मत रहिए। जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए।


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