जल्द बनेगा 01 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम, नए शैक्षिक सत्र से लागू करने की तैयारी
एनसीटीई ने लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन एजुकेशन की अध्यक्षता में बनाई है कमेटी
लखनऊ:- पोस्ट ग्रेजुएट (परास्नातक) कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। सब कुछ ठीक रहा तो नेशनल टीचर आफ काउंसिल एजुकेशन एनसीटीई नये शैक्षिक सत्र से 1 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम शुरू कर सकती है। खास बात यह है कि एनसीटीई ने नई शिक्षा नीति के अनुसार इस का पाठ्यक्रम बनाने की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन एजुकेशन प्रोफेसर तृप्ता त्रिवेदी की अध्यक्षता में गठित कमेटी को दी है। कमेटी ने पाठ्यक्रम का स्ट्रक्चर तैयार कर लिया है फरवरी के अंत तक पाठ्यक्रम बनाकर मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।
वर्ष 2014 से पूर्व B.Ed पाठ्यक्रम होता था 1 वर्षीय
वर्ष 2014 से पूर्व B.Ed पाठ्यक्रम 1 वर्षीय होता था। उसके बाद से 2 वर्षीय पाठ्यक्रम लागू हो गया। अब नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार फिर से 1 वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू होगा। एनसीटीई की ओर से 1 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम बनाने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के डीन एजुकेशन प्रोफेसर तृप्ता त्रिवेदी को चेयर पर्सन बनाया गया है। सदस्य के रूप में तमिलनाडु टीचर्स एजुकेशन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एस एन मनी, जम्मू यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर रेनू खुराना, वनस्थली विद्यापीठ के प्रोफेसर अजय खुराना, एमएसयू बडौदा की प्रोफेसर छाया गोयल और एसवीपीजी गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बृजेश पांडेय शामिल है।
1 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में होंगे 2 सेमेस्टर
1 वर्षीय पाठ्यक्रम 2 सेमेस्टर पर आधारित होगा। प्रोफेसर तृप्ता त्रिवेदी ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार इसका स्ट्रक्चर तैयार हो गया है। स्कूली शिक्षा में बदलाव के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करने पर काम चल रहा है इसके लिए सदस्यों के साथ ऑनलाइन मीटिंग में काफी चीजें स्पष्ट हो चुकी है। यह यह पाठ्यक्रम चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत होगा। हमारी कोशिश है कि फरवरी के अंत तक पाठ्यक्रम तैयार कर भेज दिया जाए जिससे NCTE नए सत्र से इस 1 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को लागू कर सके।