स्क्रीन देखने से कमजोर हो रही नजदीक की नजर
दावाः 2050 तक 40% बच्चे मायोपिया की चपेट में आ सकते हैं
नई दिल्ली, मोबाइल या टेलीविजन स्क्रीन पर बिताया गया हर अतिरिक्त घंटा बच्चों और किशोरों में मायोपिया के खतरे को बढ़ा रहा है। माना जाता है कि बच्चों को दो घंटे ही स्क्रीन पर बिताने चाहिए। कोरियाई शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि प्रतिदिन स्क्रीन पर एक अतिरिक्त घंटा बिताने से मायोपिया होने की संभावना औसतन 21% अधिक होती है। शोध की मानें तो 2050 तक दुनिया भर में लगभग 40% बच्चे और किशोर इस स्थिति से पीड़ित हो सकते हैं।
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विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि छोटे बच्चों को डिवाइस का सीमित उपयोग करना चाहिए और ज्यादा समय बाहर बिताना चाहिए। यह अध्ययन जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुआ है।
क्या है मायोपियाः
मायोपिया को निकट दृष्टि दोष भी कहा जाता है। इसका कारण आंख की पुतली का बहुत ज्यादा लंबा होना है। शोध के अनुसार पूरी दुनिया में यह समस्या बढ़ रही है।इसमें पीड़ित मरीज को पास की चीजें साफ, लेकिन दूर की चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं।
भारत सहित कई देशों में विश्लेषणः
कोरिया के शोधकर्ताओं ने भारत, चीन, सिंगापुर, जर्मनी सहित कई देशों में बीते सालों में हुए 45 अध्ययनों का विश्लेषण किया है। अध्ययन में 3,35,524 प्रतिभागी शामिल थे।