संयुक्त परिषद के अध्यक्ष समेत चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने किया मुलाकात, मुख्यमंत्री ने दिया कर्मचारियों की 7 सूत्री मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन।
लखनऊ:- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के नेतृत्व में पहले कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय करने के लिए आभार व्यक्त किया। फिर कर्मचारियों के लंबित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सीएम को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त परिषद की महामंत्री रेनू मिश्रा, फूड एंड सिविल एंप्लाइज इंस्पेक्टर ऑफिसर एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति पांडेय एवं आशा हेल्थ वर्कर एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष कुसुम लता यादव सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने मांग पत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन भी दिया।
ये है मुख्य मांगे
◆ नई पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा देने।
◆ निकासी पर इनकम टैक्स की छूट प्रदान करने।
◆ वेतन आयोग के गठन के साथ एनपीएस में भी संशोधन करने।
◆आउटसोर्स कर्मचारियों का नियंत्रण विभाग से करने।
◆ संविदा कर्मचारियों को योजना बनाकर नियमित करने।
◆ आशा बहुओं को न्यूनतम मानदेय मूल वेतन के बराबर दिए जाने।
◆ नगर प्रतिकर भत्ता का भुगतान किए जाने।
सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को गिनाई अपनी उपलब्धियां
सीएम ने कर्मचारियों के हित में लिए गए निर्णय की उपलब्धियों को प्रतिनिधिमंडल को गिनाई। जिसमें कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा दी गई। सचिवालय कर्मचारियों का सचिवालय भत्ता बहाल किया गया। बेसिक शिक्षा, पुलिस विभाग, सहकारिता एनएचएम सहित कई विभागों में लाखों रिक्त पद भरे गए हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। आशा बहुओं का मानदेय बढ़ाया गया है। महामारी भत्ता दिया गया है। स्मार्ट वर्किंग से जुड़ने के लिए 80000 आशा बहुओं को स्मार्टफोन भी दिए गए हैं। आंगनबाड़ी रसोईया अनुदेशक के भी मानदेय में वृद्धि हुई है।