बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

स्कूलों में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों छात्रों को लगानी होगी ऑनलाइन हाजिरी


स्कूलों में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों छात्रों को लगानी होगी ऑनलाइन हाजिरी

प्रयागराज। अब शिक्षक और छात्र स्कूलों में आने में मनमानी नहीं दर्ज करा सकेंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अब शिक्षकों के साथ छात्रों की हाजिरी भी ऑनलाइन होगी। यूपी बोर्ड सत्र से 2025-26 से इसे लागू करेगा। इसके लिए नया सॉफ्टवेयर भी तैयार कराया जा रहा है।

प्रदेश में बोर्ड के तकरीबन 28 हजार माध्यमिक विद्यालय हैं और इनमें पांच लाख शिक्षक व एक करोड़ विद्यार्थी हैं। स्कूलों में आए दिन अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर निगरानी और विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बोर्ड शिक्षकों व छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था लागू करने जा रहा है।

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में यह एक अच्छी पहल मानी जा रही है। बोर्ड इसके लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है, जिससे शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति की सटीक सूचना मिल सकेगी।

स्कूलों से ऑनलाइन हाजिरी की सूचना सुबह 11 बजे तक यूपी बोर्ड बोर्ड मुख्यालय को मिल जाएगी। इससे पता चल जाएगा कि किस विद्यालय में कितने शिक्षक व छात्र-छात्राएं उपस्थित या अनुपस्थित हैं। सूचना भेजने की जिम्मेदारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों की होगी। प्रधानाचार्य को लॉगइन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा।

सूचना देते समय उनकी वेबकैम से फोटो भी खिंचेगी। ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है कि विद्यालय के 200 मीटर दायरे से बाहर जाने पर सूचना प्रेषित नहीं की जा सकेगी। सूचना देते समय फोटो की जिओ टैगिंग भी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रधानाचार्य ने स्कूल से ही सूचना भेजी है।

जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक होगी निगरानी

ऑनलाइन हाजिरी की निगरानी जिला, मंडल और प्रदेश स्तर पर की जाएगी। जिला स्तर पर डीआईओएस व मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक इसकी निगरानी करेंगी और प्रदेश स्तर पर यूपी बोर्ड मुख्यालय ऑनलाइन उपस्थिति पर नजर रखेगा।

नए सत्र 2025-26 से बोर्ड के स्कूलों में शिक्षकों व छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की जा रही है। -भगवती सिंह, सचिव, यूपी बोर्ड


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