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शिक्षकों का सिरदर्द बने बेसिक शिक्षा से जुड़े एप


शिक्षकों का सिरदर्द बने बेसिक शिक्षा से जुड़े एप

स्मार्टफोन नहीं चला पाने वाले शिक्षक परेशान, तनाव का कारण बने एप्लीकेशन

सुल्तानपुर। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के मोबाइल एप सिरदर्द बन गए हैं। इन एप का संचालन कर पाना वरिष्ठ शिक्षकों को भारी पड़ रहा है। स्मॉर्टफोन नहीं चला पाने वाले शिक्षकों के लिए एप तनाव का कारण बन रहे हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकांश काम अब ऑनलाइन हो रहे हैं। शिक्षकों की छुट्टी प्रमोशन, वेतन आदि मानव संपदा पोर्टल से जुड़ गया है। अवकाश लेने के लिए भी शिक्षकों को ऑनलाइन ही आवेदन करना पड़ रहा है। शिक्षकों को समय-समय पर तमाम सूचनाएं ऑनलाइन दर्ज करानी पड़ रही हैं।

एक साथ चल रहे कई कार्यक्रम:

बेसिक शिक्षा विभाग में इन दिनों कार्यक्रमों की भरमार है। शिक्षक एवं छात्र इन्हीं कार्यक्रमों के फेर में उलझे हुए हैं। निपुण भारत मिशन, स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम, रिमेडियल क्लास, मिशन कायाकल्प, शारदा कार्यक्रम, यू-डॉयस समेत कई शामिल हैं।

अनिवार्य रूप से रखने पड़ रहे हैं। जबकि इसमें दीक्षा एप, रीड एलांग एप, प्रेरणा डीबीटी एप, प्रेरणा एप, निपुण लक्ष्य एप समर्थ एप, सरल एप समेत कई एप शामिल हैं। शिक्षकों को अपने निजी मोबाइल में इन सहायक भी रखे हुए हैं। एप को इंस्टाल करना होता है। सभी का यूजर आईडी और पासवर्ड बनाना तथा उन्हें याद रखना शिक्षकों की जरूरत के साथ ही विवशता बन गया है।

सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच चुके शिक्षक

युवा शिक्षकों के लिए एप प्रक्रिया ह आसान हो गई है। ऐसे में वरिष्ठ शिक्षकों को दूसरों की मदद लेनी पड़ रही है। कुछ शिक्षक तो बकायदा स्मार्टफोन चलाने के लिए एक सहायक भी रखे हुए है।

इसके एवज में इन सहायकों को प्रतिमाह कुछ रुपये नियमित भुगतान भी करना पड़ रहा है। सूचनाओं के आदान-प्रदान का जिम्मा वरिष्ठ शिक्षक इनसे ही करा रहे हैं।

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