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दिवाली के पटाखों से जहरीली हुई हवा, नोएडा में AQI 322 और आगरा में 305 तक पहुंचा


दिवाली के पटाखों से जहरीली हुई हवा, नोएडा में AQI 322 और आगरा में 305 तक पहुंचा

लखनऊ:दिवाली पर सोमवार को पटाखों के चलते वायु गुणवत् ता सूचकांक (एक् यूआई) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। लखनऊ, मेरठ, आगरा, बरेली, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर और प्रयागराज सहित कई अन् य शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। दिवाली का रात नौ बजे नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। इसके बाद आगरा प्रदूषण रिकार्ड किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट https://app.cpcbccr.com/AQI_India/ के मुताबिक नोएडा के सेक्टर 116 में एक्यूआई 322 रिकॉर्ड किया गया। आगरा के संजय पैलेस में सबसे ज्यादा 305 एक्यूआई रहा। रोहता में 256 रिकॉड किया गया। बरेली के राजेंद्र नगर में 173 और कानपुर के किदवईनगर के साथ कल्याणपुर में एक बराबर 224 एक्यूआई रहा। लखनऊ में सबसे ज्यादा तालकटोरा डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर पर 178 एक्यूआई रहा।

मेरठ में सबसे ज्यादा पल्लवपुरम में 204 एक्यूआई रहा। मुरादाबाद में काशीराम नगर में 112 और वाराणसी के मलदहिया में सबसे ज्यादा 137 एक्यूआई रिकॉर्ड हुआ है। प्रयागराज में झुंसी और नगर निगम में एक बराबर 130 एक्यूआई रहा। दिवाली से पहले रविवार को मेरठ में हवा की गुणवत्ता 2021 जैसी रही। 2021 में दिवाली से पहले एक्यूआई 313 दर्ज हुआ था, जबकि रविवार रात एक्यूआई 288 रहा। मेरठ देश में तीसरा प्रदूषित शहर रहा। वहीं बुलंदशहर देश और प्रदेश का पहला सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। रात में एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। अगले 24 घंटे में हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका है। दिन – रात में तापमान में गिरावट और बढ़ते प्रदूषण से स्मॉग जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं। वैसे सीपीसीबी के बुलेटिन में शाम 4 बजे तक 24 घंटे में बुलंदशहर देश और प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर रिकार्ड हुआ, जहां एक्यूआई 310 रिकार्ड हुआ। दूसरे स्थान पर मुजफ्फरनगर और तीसरे पर मेरठ रहा। मुजफ्फरनगर में एक्यूआई 280 और मेरठ में 274 रिकार्ड हुआ था। हालांकि रात होते ही यह बढ़ गया।

सोमवार की सुबह आठ बजे लखनऊ के लालबाग क्षेत्र में एयर क् वालिटी इंडेक् स 156, आगरा के संजय पैलेस के पास 314, बरेली के सिविल लाइन् स क्षेत्र में 190, वाराणसी के मलदहिया इलाके में 157, प्रयागराज के झंसी क्षेत्र में 159, कानपुर के किदवईनगर क्षेत्र में 257, गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश् वविद्यालय क्षेत्र में 86, नोएडा के सेक् टर 116 में 342 और मेरठ के पल् लवपुरम क्षेत्र में 362 पाया गया। इसमें सबसे खराब स्थिति आगरा की पाई गई है।


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