लिंक किए जाएंगे महाविद्यालयों के शिक्षकों के आधारकार्ड

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के अंतर्गत संचालित होने वाले निजी बीएड कॉलेजों में शिक्षकों के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े पर विवि नकेल कसने की तैयारी में है। दो-दो विवि के कॉलेजों में पंजीकृत होकर बीएड कक्षा के लिए फर्जी शिक्षक संख्या दिखाकर सीटों की संख्या अब नहीं बढ़ पाएगी। विवि अब सभी शिक्षकों को आधारकार्ड से लिंक करने की तैयारी में है। शिक्षकों की जानकारी आधारकार्ड से लिंक न होने पर बीएड कक्षा संचालन में बड़ा खेल चल रहा है।

 सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के अंतर्गत 87 बीएड कॉलेज संचालित होते हैं। इसमें पांच एडेड कॉलेजों में रिक्त सीटों पर कक्षा संचालन के लिए निदेशालय से अप्रूवल के बाद शिक्षक मिल पाते हैं जो कि पिछले दो सालों से बंद है। वहीं 82 निजी कॉलेज बीएड कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों की जानकारी सीधे विवि को देते हैं । निजी कॉलेज जिन शिक्षकों की जानकारी विवि को देते हैं उसमें फर्जीवाड़े का बड़ा खेल चल रहा है। जो शिक्षक सिद्धार्थ विवि के निजी कॉलेज में पंजीकृत हैं वही प्रदेश के दूसरे कॉलेजों में भी पंजीकृत चल रहे हैं ।

विवि स्थापना काल से लेकर अब तक कई बार विवि में इसकी सुगबुगाहट भी हुई लेकिन निजी कॉलेजों के शिक्षकों के डिटेल व डेटा नहीं इकट्ठा किए गए और न ही आधारकार्ड से शिक्षकों को लिंक किया गया। जबकि कई विवि ने निजी कॉलेजों के शिक्षकों को आधारकार्ड से लिंक कर रखा है ताकि शिक्षक के एक से अधिक जगह पर पंजीकृत होने पर तत्काल जानकारी मिल सके कुलपति के संज्ञान में मामला आने के बाद अब नकेल कसने की तैयारी है।


निजी कॉलेज यह लेते हैं लाभ

एनसीटीई के मानक अनुसार 50 छात्रों पर विभागाध्यक्ष व सात शिक्षक यानी कुल आठ शिक्षक होने चाहिए। कॉलेज विवि को शिक्षकों की सूची सौंप कर निर्धारित सीटों पर काउंसलिंग करा लेते हैं, जबकि वही शिक्षक दूसरे विवि के कॉलेज में भी पंजीकृत है। वहां भी इसी शिक्षक संख्या के आधार पर काउंसलिंग कराकर सीटें फुल कर ली जाती है।

निजी कॉलेजों के बीएड शिक्षकों को आधारकार्ड से जोड़ा गया है या नहीं मुझे मालूम नहीं है। शिक्षकों को आधारकार्ड से पंजीकृत करने की सरकार की गाइड लाइन होगी। अगर नहीं है तो हम यह नियम बनाएंगे। शिक्षकों को लेकर पारदर्शिता पूरी तरह से रहेगी। •प्रो. हरिबहादुर श्रीवास्तव कुलपति, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय


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