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लखनऊ विश्वविद्यालय: कम रैंक वाले अभ्यर्थियों को हो रही मुश्किल , काउंसलिंग पोर्टल को लेकर कई तरह की शिकायतें कर रहे हैं छात्र


 लखनऊ विश्वविद्यालय: कम रैंक वाले अभ्यर्थियों को हो रही मुश्किल

काउंसलिंग पोर्टल को लेकर कई तरह की शिकायतें कर रहे हैं छात्र


कॉलेजों के विकल्प में लखनऊ विवि सबसे नीचे

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता:लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए काउंसलिंग करा रहे अभ्यर्थियों को पोर्टल पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है उन अभ्यर्थियों को जिनकी रैंक ओवरऑल मेरिट सूची में काफी नीचे है।कम रैंक वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछले सत्र तक कटऑफ जारी होने की व्यवस्था थी तो उसमें पहले ही स्पष्ट हो जाता था कि दाखिला मिलेगा या नहीं। इस बार ओवरऑल मेरिट में समस्या है कि अभ्यर्थी काउंसलिंग की फीस देकर पूरी प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं।

 अपने पाठ्यक्रम में उपलब्ध सभी कॉलेजों के विकल्प भर रहे हैं, 500 रुपए एडवांस फीस दे रहे हैं और बाद में पता चल रहा है कि उनकी कम रैंक के कारण उन्हें कहीं भी दाखिला नहीं मिल पाएगा। कुछ बच्चों ने तो यह भी शिकायत की कि जिनकी रैंक कम है वे लॉगइन करने के बाद कॉलेज च्वाइस लॉक ही नहीं कर पा रहे हैं।

फीस भरने के बाद भी अपडेट नहीं हो रही

कुछ अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि फीस पेमेंट में सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। पेमेंट करने पर उनके खाते से पैसा कट जा रहा है लेकिन काउंसलिंग पोर्टल पर अपडेट नहीं हो रहा है। कई अभ्यर्थियों ने दो-तीन बार तक पेमेंट कर दिया है।

कम रैंक वाले अभ्यर्थी एडवांस फीस (500 रुपए) देकर कॉलेजों की च्वाइस भर सकते हैं। अगर उनकी कम रैंक के कारण उन्हें कहीं भी दाखिला नहीं मिलता तो उनकी एडवांस फीस वापस कर दी जाएगी।

-डा. दुर्गेश श्रीवास्तव, लविवि प्रवक्ता


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