यदि किसी शिक्षक का मन नही है BLO ड्यूटी करने का, तो न की जाए जबरदस्ती: हाईकोर्ट
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीएलओ ड्यूटी के नाम पर शिक्षकों के खिलाफ की जा रही दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने शिक्षकों पर की गई कार्रवाई वापस लेने की मांग की है, ऐसा न करने पर संगठन बीएलओ ड्यूटी का बहिष्कार करेगा।
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री बृजेश दीक्षित का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधानसभा निर्वाचन के लिए शिक्षकों की बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) ड्यूटी लगाने को गैर शैक्षणिक कार्य मानते हुए जनपद-आगरा के अछनेरा ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रसूलपुर में तैनात महिला शिक्षक नीलिमा शर्मा के विरुद्ध दर्ज एफआइआर निरस्त कराने और जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को उनका वेतन नियमित भुगतान करने के आदेश दिए हैं। पीड़ित महिला शिक्षक ने बीएलओ किट प्राप्त न कर नियम विरुद्ध लगाई बीएलओ ड्यूटी हटाने का प्रार्थना-पत्र दिया था, लेकिन एसडीएम किरावली ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा उनका वेतन रोकने के आदेश दे दिए। इससे व्यथित शिक्षक नीलिमा शर्मा ने प्राथमिक शिक्षक संघ के सहयोग से हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की, जिसकी सुनवाई कर कोर्ट ने यह आदेश दिया।
BLO ड्यूटी का करेंगे पूर्ण बहिष्कार:–
कोर्ट के फैसले से उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ उत्साहित है। जिलामंत्री बृजेश दीक्षित ने मांग की है कि प्रशासन व विभाग जिले में बीएलओ ड्यूटी न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई तत्काल वापस लें और शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त किया जाए, नहीं तो संगठन बीएलओ ड्यूटी का बहिष्कार करेगा। पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले शिक्षकों को देखकर शिक्षक समुदाय में पहले से ही भय व्याप्त है।