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चार रुपये में बच्चों को केला खिला सकते हैं, मिड डे मील नहीं, ग्राम प्रधानों ने स्कूलों को हेडमास्टरों को इस संबंध में सौंपा पत्र


चार रुपये में बच्चों को केला खिला सकते हैं, मिड डे मील नहीं, ग्राम प्रधानों ने स्कूलों को हेडमास्टरों को इस संबंध में सौंपा पत्र

धामपुर:- बिजनौर महंगाई के चलते तहसील क्षेत्र के कई ग्राम प्रधानों ने अपनी पंचायतों के संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पंजीकृत बच्चों को मिड-डे-मील तैयार कराकर खिलाने में हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा प्रति बच्चा जो कन्वर्जन कास्ट चार रुपए उन्हें उपलब्ध कराई जा रही है । महंगाई को देखते हुए वह बहुत कम है इस राशि में वह बच्चों को केवल केले ही खिला सकते हैं। मिड डे मील हैं ग्राम प्रधानों ने स्कूलों को हेडमास्टर को इस संबंध में पत्र सौंप दिया है।

धामपुर तहसील क्षेत्र में 4 ब्लॉक धामपुर,अफजलगढ़, स्योहारा और नहटौर शामिल है इन ब्लॉकों के प्रधान सुभाष कुमार, करण सिंह, राज कुमार का कहना है कि सरकार की ओर से मिड डे मील के नाम पर प्रधानों को सरकार की ओर से प्रति छात्र ₹4 मिलते हैं। जबकि महंगाई कई गुना बढ़ गई है 5 साल पहले गैस सिलेंडर की कीमत 350 रुपये थी जो अब 3 गुना बढ़कर करीब ₹1000 हो गई है। आलू की कीमत प्रति किलोग्राम 3 गुना बढ़ी है पहले आलू की कीमत ₹10 प्रति किलो थी अब ₹30 प्रति किलो है टमाटर पर 15 से ₹20 प्रति किलो मिल रहा था जो अब ₹80 प्रति किलो मिल रहा है
दूध की कीमत प्रति किलो ₹50 है दाल अरहर ₹110 प्रति किलो से ऊपर है सरसों का तेल मिर्च मसाले की कीमत भी बहुत बढ़ गई है। ऐसे में ग्राम प्रधानों के लिए बच्चों को मिड-डे मील पका कर खिलाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है प्रधानों ने बताया कि उन्होंने स्कूलों के हेड मास्टरों को लिखकर दे दिया है। कि वह किसी भी हालत में बच्चों को मिड-डे मील अपने स्तर से नहीं खिला सकते ₹4 प्रति छात्र के हिसाब से मैं बच्चों को केवल केले ही खिला सकते हैं। ऐसे में प्रधानाध्यापक और शिक्षक सकते में आ गए।

अभी तक ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है यदि ऐसा है तो प्रधान और संबंधित विद्यालय के हेडमास्टर उन्हें लिखकर दें मामले की जांच कराई जाएगी।-जयकरन सिंह यादव बीएसए


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