39 जिलों के परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की कृमि जनित बीमारियों की होगी जांच
लखनऊ। प्रदेश के 39 जिलों में चुनिंदा परिषदीय स्कूलों में मिट्टी के जरिए फैलने वाले कृमि सर्वे (स्वाइल ट्रांसमिटेड हेलमिन्थ्स प्रिवेलेंस सर्वे) के जरिए बच्चों की सेहत की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इससे खासतौर पर बच्चों में होने वाली कृमि जनित बीमारियों का पता लगाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिले स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग की भी मदद ले रहा है। सर्वे की शुरुआत 21 नवंबर से होगी और यह 18 दिसंबर तक प्रस्तावित है।
बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने सभी संबंधित जिलों के बीएसए को जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत प्रत्येक जिले में कुछ स्कूल चुने गए हैं। इन स्कूलों में चुनिंदा बच्चों की रैंडम आधार पर जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी संस्था के लोग बच्चों के स्टूल (मल) के नमूने एकत्र करेंगे।
बलिया, चंदौली, गाजीपुर जौनपुर, मऊ, मिर्जापुर, सोनभद्र में भी सर्वे होगा
इन जिलों में होगा सर्वे:
आगरा, बागपत, बहराइच, बलिया, बांदा, बदायूं, चंदौली, देवरिया, अयोध्या, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजीपुर, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, जौनपुर, अमरोहा, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र।
जांच में यह पता लगाएंगे:
जांच में बच्चों में कीड़ों से होने वाली बीमारी की स्थिति का पता लगाया जाएगा। पेट में कीड़ों को मारने के लिए एल्बेंडाजोल जैसी दवाएं देने का जो अभियान स्कूलों में छेड़ा गया, उसका कितना असर हुआ ? इसका भी इस सर्वे से पता चलेगा।
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