मैनपुरी:- बेसिक शिक्षा विभाग का शैक्षिक सत्र करीब है, जबकि बीआरसी पर पाठ्य पुस्तकें अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। ऐसे में पिछले सत्र की पुस्तकों से ही नए शैक्षिक सत्र में बच्चों को पढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। बच्चों से पुरानी पुस्तकों को जमा कराए जाने का काम भी तेज हो गया है।प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कोरोना महामारी के चलते शैक्षिक सत्र अच्छा खासा प्रभावित हुआ था। दूसरी लहर के बाद अगस्त में स्कूल खुले और बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा एक से 8 तक के 1.90 लाख से अधिक बच्चों को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण शुरू कराया गया था।

पुस्तकों की उपलब्धता में देरी के कारण इनके वितरण की व्यवस्था भी गड़बड़ा गई थी। अक्टूबर के अंत तक स्कूलों में पुस्तकों का वितरण किया गया। विभाग के अनुसार परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक 1909 स्कूलों में बच्चों को 18 लाख से अधिक पुस्तकों का वितरण किया गया था।अब शिक्षा निदेशक (बेसिक) डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने बीएसए को भेजे पत्र में निर्देशित किया है कि शैक्षिक सत्र 21-22 में बच्चों को जो पुस्तकें बांटी गई थी, वह एकत्रित कर स्कूल में जमा कर ली जाएं। एक अप्रैल से आरंभ होने वाले शैक्षिक सत्र में इन्हीं पुस्तकों का वितरण छात्र-छात्राओं में सुनिश्चित कराया जाए। नई पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध होने के बाद इन पुरानी पुस्तकों को वापस लेने का काम किया जाए।

बीएसए ने दिए निर्देश

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमल सिंह ने बताया कि शिक्षा निदेशक के निर्देश के अनुपालन में खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि वह अपने क्षेत्र के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को परीक्षा के बाद स्कूलों में बच्चों से पुरानी पुस्तकें एकत्र कराना सुनिश्चित करें, ताकि यह पुस्तकें नए सत्र से बच्चों को वितरित की जा सके।

हो रहीं पुरानी पुस्तकें एकत्रित

जिले के परिषदीय स्कूलों में पुरानी पुस्तकों को जमा कराने का काम होने लगा है। मैनपुरी ब्लाक के गांव देवामई के कंपोजिट विद्यालय की प्रधानाध्यापिका वर्तिका अवस्थी ने बताया कि हर विद्यार्थी के पास सभी पुस्तकें सुरक्षित नहीं बची हैं, जो बची हैं उनको जमा करा रहे हैं।


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