बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

क्यों नहीं दी 666 स्कूलों को मान्यता, बीएसए दें स्पष्टीकरण


31 मार्च तक आए हुए प्रकरणों का करना था निरस्तारण,सबसे ज्यादा प्रयागराज में प्रस्ताव हुए निरस्त

लखनऊ:- अब बेसिक शिक्षा अधिकारी बताएंगे कि उन्होंने 666 स्कूलों को मान्यता किस कारण से नहीं दी। 31 मार्च तक बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता के लिए कक्षा एक से आठ तक के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे लेकिन इनमें से 666 प्रकरणों को बिना किसी कारण से निरस्त कर दिया गया। अब बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने सभी बीएसए से स्पष्टीकरण तलब किया है।केवल खीरी, झांसी व हमीरपुर ऐसे जिले हैं, जहां ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। इन 666 में 320 प्रकरण प्राइमरी स्कूलों के और 346 प्रकरण जूनियर हाईस्कूलों के हैं। 26 जिले ऐसे हैं, जहां 10 से ज्यादा ऐसे प्रस्ताव निरस्त हुए हैं।

इनमें सबसे ज्यादा मामले प्रयागराज के हैं। यहां 17 प्राइमरी व 24 जूनियर स्कूलों के प्रकरण निरस्त किए गए हैं। वहीं देवरिया में 39 और वाराणसी में 31 प्रस्ताव बिना कार्रवाई के निरस्त किए गए हैं। इसके अलावा मुरादाबाद में 28, संभल में 27 और आगरा में 22 प्रकरण ऐसे हैं, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।कई जिलों में मान्यता के प्रस्ताव बिना कारण बताए ही निरस्त कर दिए गए हैं तो कई प्रस्ताव समयसीमा गुजर जाने पर स्वत: निरस्त हो गए हैं। शिक्षा निदेशक ने कहा है कि यह सरकारी कामों के प्रति उदासीनता का द्योतक है। स्कूलों की मान्यता के प्रकरण पोर्टल के जरिये एक महीने की समय सीमा के अंदर निस्तारित किए जाने थे। यह पोर्टल मुख्यमंत्री के दर्पण पोर्टल से लिंक है और इसकी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय से भी की जाती है।


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