बजट 2023 में वेतनभोगियों के लिए क्या कुछ ? इन 9 बिंदुओं पर जानिए बजट का निचोड़,
टैक्स छूट पर असमंजस, पुरानी पेंशन भी नहीं : उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने पर बजट को लेकर कर्मचारी संगठन उबले
आम बजट को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। कंफडेरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाइज एंड वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र पांडेय ने कहा कि बजट में कर्मचारी और पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया। उम्मीद थी कि करोड़ों रुपए जीएसटी वसूल करने वाली सरकार महीनों से लंबित डीए जारी करेगी। ओपीएस के लिए भी अलग से बजट होगा। सरकार को इनकम टैक्स स्लैब 10 लाख तक करना चाहिए था। यह बजट कर्मचारी व मध्यम वर्ग विरोधी और कॉर्पोरेट परस्त है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश सचिव राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बजट में आयकर की सीमा में दी जाने वाली छूट असमंजस भरी है। बजट में पुरानी पेंशन को लेकर उम्मीदें थी लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर विचार नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों में निराशा है। शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी सुरेश पटेल के अनुसार नया टैक्स सिस्टम चुनने वाले कर्मचारियों के लिए आयकर में छूट की सीमा सात लाख रुपए कर दी गई है। इससे वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत मिली है।
ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट पेंशनर्स एसोसिएशन के सहायक महासचिव ऋषिश्वर उपाध्याय ने कहा कि बजट में सात लाख तक की इनकम पर आयकर छूट राहत देने वाली है लेकिन इसका लाभ कुछ कर्मचारी और पेंशनर्स को नहीं मिलेगा। बजट का सबसे नकरात्मक पहलू यह है कि हाउस लोन और बैंक डिपॉजिट में मिलने वाला रिबेट खत्म कर दिया गया है।
राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलामंत्री घनश्याम पांडेय ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है। बजट के नाम पर सरकार ने कर्मचारी और मध्यम वर्ग के लोगों को झुनझुना दिया है।
प्रांतीय सहायक मंत्री, यूपी डाक विभाग प्रमोद कुमार राय ने कहा कि यह बजट कर्मचारियों के उम्मीद पर खरा नहीं उतरा ।
वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन यूपी के प्रांतीय अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में रियायत खत्म कर दी गई। वरिष्ठ नागरिक आस लगाए थे कि बजट में रेल किराए की छूट बहाल होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और पूर्व आईएएस आरएस वर्मा ने कहा कि पेंशनर्स और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बजट आशा के अनुरूप नहीं रहा। वरिष्ठ नागरिकों को 3 साल से बंद रेल किराए में मिलने वाली छूट पुन चालू नहीं की गई। पेंशन में 65, 70, 75 वर्ष की आयु पर प्रस्तावित बढ़ोतरी नहीं की गई।
बजट में वेतनभोगियों के लिए क्या कुछ ? इन 9 बिंदुओं पर जानिए बजट का निचोड़
नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले अपने अंतिम पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को कर मोर्चे पर राहत दी है। इसके तहत नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपये तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा। पहले यह सीमा पांच लाख रुपये थी। पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि नई कर व्यवस्था में दी गई राहत से लोगों को बड़ा फायदा होगा। नौ लाख रुपये की व्यक्तिगत आमदनी वाले व्यक्ति को 45,000 रुपये ही टैक्स देना होगा। पहले उसे 60 हजार रुपये देना होता था। वहीं, 15 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को 1.5 लाख रुपये टैक्स देना होगा, जो उसकी आमदनी का 10 फीसदी होगा। अभी टैक्स की ये रकम 1.87 लाख रुपये हुआ करती है।
नई कर व्यवस्था ही आगे विकल्प बनेगी : टैक्स मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक इस बजट से साफ है कि सरकार भविष्य नई कर व्यवस्था को ही मजबूती देना चाहती है। सात लाख रुपए तक की आय वाले लोगों को पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर रखने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा पहुंचेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक पुरानी टैक्स स्कीम में पहले की निवेश से जुड़ी सारे विकल्प भले ही बरकरार हों लेकिन सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वो चाहती है कि बचत करने और खर्च करने का फैसला लोगों के हाथों छोड़ा जाए। उन्होंने ये भी बताया है कि आकलन के मुताबिक 15 लाख रुपये से नीचे की आमदनी वाले लोगों के लिए नई टैक्स स्कीम ही फायदेमंद रहेगी।
करदाताओं के लिए घोषणाएं
1: नई व्यवस्था डिफॉल्ट रहेगी
वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट बनाने का प्रस्ताव किया। इसका सीधा मतलब है कि अगर आयकर रिटर्न भरते समय आपने विकल्प नहीं चुना तो आप स्वत नई आयकर व्यवस्था में चले जाएंगे। अभी पुरानी कर व्यवस्था डिफाल्ट रहती है। नई व्यवस्था चुनने के लिए विकल्प लेना होता है। विशेषज्ञों के अनुसार वास्तव में सरकार नई कर व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है लेकिन यह केवल उन्हीं लोगों के लिये फायदेमंद है, जो कोई बचत नहीं करते।
2: नई व्यवस्था में मानक कटौती का फायदा
इसके अलावा पहली बार नई कर व्यवस्था के तहत भी 50 हजार रुपये की मानक कटौती का लाभ दिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार बजट में इसका फायदा इन वेतन भोगियों को मिलेगा, जिनकी सालाना आय 15.5 लाख रुपये से अधिक है। इनमें पेंशनभोगियों को 15 हजार रुपये की मानक कटौती का लाभ मिलेगा।
3:अधिक आय वालों को सरचार्ज में बड़ी राहत
इसके अलावा, बजट में दो करोड़ रुपये से अधिक व्यक्तिगत आय वाले करदाताओं को राहत भी दी गई है। इसमें अधिभार की उच्चतम दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत की गई है। इससे करीब 5.5 करोड़ रुपये वेतन आय वाले को लगभग 20 लाख रुपये की बचत होगी।
4: अवकाश नकदीकरण में छूट
गैर-सरकारी वेतनशुदा कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर अवकाश नकदीकरण (लीव इनकैशमेंट) में आयकर छूट की सीमा वर्ष 2002 में तीन लाख रुपये तय की गई थी। उस वक्त सरकार में उच्चतम बेसिक पे 30 हजार रुपये होती थी। इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया जा रहा है। यानी 25 लाख रुपये तक के अवकाश नकदीकरण पर कर नहीं लगेगा।
5: एकसमान आईटी रिटर्न फॉर्म
केंद्रीय बजट में करदाताओं की सुविधा के लिए अगली पीढ़ी का एकसमान आईटी रिटर्न फॉर्म भी पेश करने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही प्रत्यक्ष कर से जुड़े मामलों में छोटी अपील के निपटारे के लिए लगभग 100 संयुक्त आयुक्तों को तैनात करने की भी घोषणा की गई है। रिटर्न की जांच करने के मामले में विभाग चुनिंदा रुख अपनाएगा।
6: लोगों के हाथों में ज्यादा रकम आ पाएगी
कर मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक नई कर व्यवस्था में राहत देकर सरकार ने अपनी मंशा जता दी है। सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ना चाहती है। इस पहल से लोगों के हाथों में अतिरिक्त रकम आएगी जिसे खर्च करने से अर्थव्यवस्था में मांग पैदा होगी। इसी मांग को पूरा करने के लिए उद्योग जगत अपने उत्पादन को बढ़ावा देगा। इससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।
7- सात लाख रुपये की सलाना आय पर नहीं लगेगा टैक्स
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि नई व्यवस्था के तहत आयकर रिटर्न भरते समय अगर किसी करदाता का कटौती को लेकर दावा 3.75 लाख रुपये से कम है, तो उसे नई कर कर व्यवस्था अपनाने की सलाह होगी। उन्हें बजट में किये गये प्रस्ताव के अनुसार लाभ मिलेगा और उन पर कम कर देनदारी बनेगी।
8 वरिष्ठ नागरिक खाता योजना की सीमा दोगुनी होगी
वरिष्ठ नागरिक खाता योजना की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। यानी, वरिष्ठ नागरिक इस योजना में अधिकतम 4.5 लाख की जगह 9 लाख रुपये तक जमा करवा सकेंगे। वहीं, संयुक्त खाते में अधिकतम जमा रकम की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है।
9 महिला सम्मान बचत पत्र:
वित्त मंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मार्च 2025 तक दो वर्ष के लिए महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। इसमें महिलाओं को दो वर्षों की अवधि के लिए 7.5 प्रतिशत का तय ब्याज मिलेगा। इस योजना में सिर्फ दो लाख रुपये तक की राशि जमा की जा सकती है। आर्थिक विशेषज्ञ केके मित्तल का कहना है कि इस योजना को टैक्स फ्री करने का ऐलान नहीं हुआ है।
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