पाठ्यक्रम लागू करने में क्या अड़चन?- हाईकोर्ट

प्रयागराज:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में पर्यावरण विज्ञान को शामिल करने के मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि एमसी मेहता केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली गई हो तो जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही यह भी बताएं कि इसे लागू करने में कानूनी अड़चन क्या है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने कृष्ण प्रकाश व 12 अन्य की याचिका पर दिया है।याचिका में कहा गया है कि स्नातक में छह माह का पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी कर ली गई है। तीन वर्ष के डिग्री कोर्स के लिए नियुक्ति की अनुमति मांगी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने को कहा है। यूजीसी ने राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं।

सरकार ने कुछ कदम उठाए भी हैं। राज्य विश्वविद्यालयों के दबाव में अमल में नहीं लाया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। याची का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग ने निजी व सरकारी सभी विश्वविद्यालयों को नवीन पाठ्यक्रम लागू करने का आदेश दिया है। पर्यावरण विज्ञान में मानवीय मूल्य एवं पर्यावरण विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करना है लेकिन किसी विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई नहीं हो रही है।

आदरणीय शिक्षकगण आप हमारे Whatsapp Group एवं टेलीग्राम से जुड़ सकते है!     https://chat.whatsapp.com/IRUs0CxSY0d7zubM2XU1C9 टेलीग्राम:https://t.me/nipunbharat


Leave a Reply