मदरसों में अब यूपीटेट से होगी शिक्षक भर्ती, मंत्री ने बताई योगी सरकार की योजना, सिर्फ इन्हें दी छूट

उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य के मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य करेगी। यह बात यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने रविवार को कही। अंसारी ने बताया कि इसे लागू करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य के मदरसों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया गया है। राज्य में करीब 16,461 मदरसे यूपी मदरसा बोर्ड से संबद्ध हैं। इनमें से 560 मदरसों को सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

सिर्फ इन शिक्षकों को मिलेगी

अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि चूंकि यह वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया पाठ्यक्रम है, इसलिए इसे बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का होना अनिवार्य है। इसे देखते हुए सरकार मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी को अनिवार्य करने जा रही है। अंसारी ने हालांकि स्पष्ट किया कि टीईटी की आवश्यकता उर्दू, अरबी, फारसी या दीनियात के शिक्षकों पर लागू नहीं होगी। यह केवल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती के लिए लागू होगा।


 
2017 में शुरू करवाई थी एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई

यह पूछे जाने पर कि क्या मदरसों में शिक्षकों की भर्ती करने का अधिकार प्रबंधन समितियों के पास है और क्या सरकार टीईटी को अनिवार्य करने के लिए कानून में कोई बदलाव करेगी, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, नहीं, ऐसा कुछ नहीं होगा। हम बस इतना करने जा रहे हैं कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा के शिक्षकों की भर्ती में टीईटी अनिवार्य करने के लिए 2017 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘तथानिया’ (कक्षा एक से पांचवीं), ‘फौकानिया’ (कक्षा पांचवीं से आठवीं) और आलिया या उच्चतर आलिया स्तर (हाई स्कूल और ऊपर) के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराने को मंजूरी दी थी। 

मदारिस अरबिया ने कहा- एक वर्ग के साथ भेदभाव होगा

वहीं, शिक्षक संघ मदारिस अरबिया के संयुक्त महासचिव हकीम अब्दुल हक ने कहा कि इस कदम से मदरसा शिक्षकों के एक वर्ग के साथ भेदभाव होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य करने से एक ही मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बीच योग्यता का व्यावहारिक अंतर होगा, क्योंकि टीईटी पास करने के बाद भर्ती होने वाले शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता दीनियात, उर्दू, अरबी और फारसी पढ़ाने वालों की तुलना में अधिक है। 

सभी मदरसा शिक्षकों के लिए टीईटी शुरू करें

हकीम अब्दुल हक ने कहा कि नई प्रणाली के बाद एक प्रशिक्षित शिक्षक होगा जो भर्ती परीक्षा (टीईटी) पास करेगा। क्या सरकार दोनों शिक्षकों को एक ही श्रेणी में रखेगी? इससे प्राथमिक विद्यालयों में स्थायी शिक्षकों और ‘शिक्षा मित्र’ (एडहॉक टेकर्स) के बीच भेदभाव का खतरा बढ़ जाएगा। हक ने मांग की कि दीनियात, उर्दू, अरबी और फारसी पढ़ाने वाले मदरसा शिक्षकों के लिए भी विशेष टीईटी पाठ्यक्रम शुरू किया जाए।

मदरसों में शिक्षकों की भर्ती वर्तमान प्रक्रिया

मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्तमान में लागू प्रक्रिया के अनुसार कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता उर्दू या किसी समकक्ष प्रमाण पत्र के साथ इंटरमीडिएट होनी चाहिए। इसके अलावा कक्षा पांचवीं  से आठवीं तक में पढ़ाने के लिए शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता कामिल डिग्री या अरबी फारसी या दीनियात और फाजिल के साथ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री या आलिया (हाई स्कूल और ऊपर) के लिए अरबी या फारसी निर्धारित है। 


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