अब 2023 में होगी 2022 की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा, कार्यालय में अधिकारी नहीं, एक अफसर पर तीन चार्ज
प्रयागराज:-प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी -टीईटी) लगातार चौथे साल पटरी से उतरती नजर आ रही है। 2022 की परीक्षा अब 2023 में ही होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 11 फरवरी 2011 को जारी अधिसूचना में साल में कम से कम एक बार टीईटी कराने की व्यवस्था दी थी लेकिन यूपी में 2019 से टीईटी का सत्र पटरी से उतरा हुआ है। सीएए-एनआरसी के विरोध के कारण 2019 की परीक्षा आठ जनवरी 2020 को कराई गई थी।
2020 में कोरोना महामारी के कारण परीक्षा नहीं हो सकी और सत्र शून्य रह गया। उसके बाद काफी अड़चनों और तारीखें बदलने के बाद 2021 की परीक्षा पिछले साल 28 नवंबर को प्रस्तावित थी लेकिन पेपर लीक होने के कारण 2021 की परीक्षा भी टालनी पड़ी। 2021 की परीक्षा 23 जनवरी 2022 को हो सकी। 2022 का टीईटी भी इस साल होने के आसार नहीं है क्योंकि परीक्षा की तैयारी में कम से कम तीन महीने का समय लगता है। और अभी तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से शासन को टीईटी कराने का प्रस्ताव तक नहीं भेजा जा सका है।
कार्यालय में अधिकारी नहीं, एक अफसर पर तीन चार्ज
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में अधिकारियों की कमी के कारण भी समय से टीईटी कराना चुनौती होगा। वर्तमान में सचिव परीक्षा नियामक के पद पर अनिल भूषण चतुर्वेदी कार्यरत हैं जिनके पास प्राचार्य राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान और अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) का भी प्रभार है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार के पद खाली हैं। ऐसे में सवाल है कि पेपर छपवाने से लेकर एनआईसी से समन्वय और बाकी सारे काम कौन करे।
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