UPSSSC PET 2021: PET में लागू होगी नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था, जानिए इससे आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

PET 2021 के लिए UPSSSC जल्द ही परिणामों की घोषणा कर सकता है। इस पात्रता परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को UPSSSC द्वारा भविष्य में आयोजित की जाने वाली कई परीक्षाओं में शामिल होने का मौका मिलेगा।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा आयोजित की गई प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) में शामिल होने वाले अभ्यर्थी अब बेसब्री से इस परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। UPSSSC द्वारा पूरे राज्य भर में इसका आयोजन 24 अगस्त को किया गया था। इस परीक्षा के लिए UPSSSC ने आंसर की तो जारी कर दिया है, लेकिन इसके रिजल्ट के संबंध में आयोग ने अभी तक कोई सूचना नहीं दी है। गौरतलब है कि सिर्फ इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को ही भविष्य में UPSSSC द्वारा निकाले जाने वाले ग्रुप C की भर्तियों में शामिल होने का मौका मिलेगा। PET के आयोजन के बाद UPSSSC लेखपाल के 7882 पदों समेत कई भर्तियों के लिए परीक्षा आयोजित करेगा।

PET में लागू होगी नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था : 

PET 2021 में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था लागू की जाएगी। इस पात्रता परीक्षा के लिए जारी किए गए आधिकारिक अधिसूचना में इस बात का उल्लेख है कि अगर इस परीक्षा को एक से अधिक पाली में कराया जाएगा, तो इसमें नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था लागू होगी। विगत हो कि PET  24 अगस्त को दो पालियों में आयोजित की गई थी, इसलिए इसमें भी नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था लागू की जाएगी।

इसका आपके ऊपर पड़ेगा क्या प्रभाव :

PET 2021 में शामिल हुए अभ्यर्थियों के मार्क्स पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि अलग अलग पालियों में आयोजित किए जाने वाले परीक्षाओं में कई बार अभ्यर्थियों की ये शिकायत होती है कि उनकी पाली में कठिन प्रश्न आये थे और दूसरे अभ्यर्थियों की पाली में आसान प्रश्न आये थे। ऐसे ही मार्क्स के असमान वितरण को रोकने के लिए परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था लागू की जाती है। इसमें एक फॉर्मूले के तहत जिस पाली में कठिन प्रश्न आते हैं, उस पाली के अभ्यर्थियों को कुछ एक्स्ट्रा मार्क्स देकर और जिस पाली में आसान प्रश्न आते हैं उस पाली के अभ्यर्थियों का कुछ मार्क्स काट कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी अभ्यर्थियों को समान रूप से नंबर मिल सके। PET में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को भी इसी आधार पर नंबर मिलेगा।


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