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UPSESSB TGT-PGT || 4 साल में भी नहीं सुलझा अर्हता का विवाद


प्रयागराज:- प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (TGT) और प्रवक्ता (PGT) शिक्षकों के चयन के अर्हता का विवाद 4 साल में भी नहीं सुलझ सका है। यूपी बोर्ड ने अगस्त 2018 में शासन को नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था। जिसे आज तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। इसी बीच उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने नई भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है। विभिन्न जिलों में तकरीबन 5000 रिक्त पदों की सूचना मिल चुकी है। जिस पर भर्ती विधानसभा चुनाव के पश्चात शुरू होने की संभावना है। ऐसे में 100 साल पुराने उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट एक्ट के आधार पर भर्ती होने पर एक बात तय है।

चयन बोर्ड ने 12 अगस्त 2018 को TGT-PGT 2016 के 8 विषयों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था। नियमावली में हाईस्कूल स्तर पर जीव विज्ञान, काष्ठ शिल्प, पुस्तक कला, टंकण और आशुलिपि टंकण विषय समाप्त हो चुके हैं। इंटरमीडिएट में वनस्पति विज्ञान विषय निर्धारित ही नहीं है। जबकि हाईस्कूल का इंटर स्तर पर संगीत नाम का कोई विषय नहीं है। उसके बाद अभ्यर्थियों ने मुकदमा कर दिया और हाईकोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड को पिछले साल जुलाई में टीजीटी बायोलॉजी की परीक्षा करानी पड़ी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के कारण 2021 की भर्ती में भी टीजीटी वालों को शामिल करना पड़ा। दोनों भर्तियों में टीजीटी बायो की परीक्षा सिर्फ इसलिए करानी पड़ी क्योंकि नियमावली संशोधित नहीं थी। अब यदि नई भर्ती का विज्ञापन जारी होने से पहले नियमावली में संशोधन नही होता है तो फिर विवाद होना तय है।


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