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UPPSC || अर्हता के विवाद में फंसे एलटी ग्रेड के साढ़े पांच सौ पद


प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए तकरीबन तीन हजार पदों का अधियाचन मिल चुका है, लेकिन अर्हता के विवाद में चार साल पुरानी भर्ती के तहत साढ़े पांच सौ से अधिक पद फंसे हुए हैं। अगर आयोग नए पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करता है और तब तक पिछली भर्ती के तहत अर्हता का विवाद दूर नहीं होता है तो रिक्त पड़े साढ़े पांच सौ पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना होगा।आयोग ने मार्च 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसके तहत 15 विषयों में 10768 पदों पर भर्ती होनी थी। हिंदी विषय में भर्ती को लेकर दो तरह के विवाद थे, जिसकी वजह से अब 474 पदों पर भर्ती फंसी हुई है। आवेदन की अंतिम तिथि पूरी होने के बाद अर्हता धारित किए जाने के विवाद में तकरीबन सवा सौ पदों पर भर्ती अटकी हुई है। वहीं, बाकी पदों पर भर्ती इसलिए फंसी है, क्योंकि अभ्यर्थी विज्ञापन में उल्लिखित शैक्षिक अर्हता की शर्तों को पूरा नहीं करते थे, इसके बावजूद वे भर्ती में शामिल हुए और उनका चयन भी हो गया, अब उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही है।

कला और हिंदी विषय की पांच सौं से अधिक फाइलें फंसीं

इसी तरह कला विषय में तकरीबन 90 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो विज्ञापन की शर्तों के तहत बीएफए एवं बीएड की डिग्री की अनिवार्यता पूरी नहीं कर रहे थे। उनके पास केवल बीएफए की डिग्री थी और परीक्षा में उनका चयन भी हो गया। सूत्रों का कहना है कि आयोग ने इस मसले पर एनसीटीई को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश मांगे थे। एनसीटीई ने ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती के लिए पात्र माना था, क्योंकि केंद्रीय विद्यालयों में ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती के लिए पात्र माना जाता है। एनसीटीई से स्थिति स्पष्ट होने के बाद आयोग ने इन अभ्यर्थियों की फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दी थीं, लेकिन निदेशालय ने फाइलें आयोग को वापस कर दीं।ऐसे में कला और हिंदी विषय में साढ़े पांच सौ से अधिक पदों पर अर्हता के विवाद के कारण भर्ती फंसी हुई है। इस बीच आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन तीन हजार नए पदों का अधियाचन मिल चुका है। अभ्यर्थी चाहते हैं कि अर्हता का विवाद दूर करते हुए साढ़े पांच सौं पदों पर भर्ती को लेकर जल्द ही कोई निर्णय लिया जाए, ताकि नई भर्ती के दौरान स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट रहे और अभ्यर्थियों के लिए चयन के अवसर भी बढ़ें।


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