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कला से अधिक विज्ञान पढ़ते है यूपी के छात्र


2022 में 13.88 लाख छात्र विज्ञान वर्ग में थे कला विषय में 8.91 लाख।

छात्रों ने लिया था दाखिला 2021 में 15.27 विज्ञान , 9.32 लाख कला के छात्र।

2020 व 2019 में विज्ञान से कम थे कला में बच्चे।

2015 में विज्ञान से अधिक कला विषय लिया था

प्रयागराज:- यूपी के छात्र – छात्राओं को कला से अधिक विज्ञान में रुचि है । पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग से पढ़ाई करने वालों की संख्या अधिक है । साफ है कि यूपी के बच्चों में डॉक्टर , इंजीनियर , वैज्ञानिक बनने का सपना पहली पसंद बना हुआ है । 13 अप्रैल को समाप्त हुई 2022 की इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए विज्ञान वर्ग में तकरीबन 13,88 , 181 लाख छात्र – छात्राएं पंजीकृत थे । जो 12 वीं में पंजीकृत कुल 2411035 परीक्षार्थियों का तकरीबन 58 प्रतिशत था । जबकि मानविकी या कला विषयों में विद्यार्थियों की संख्या 8 , 91 , 279 लाख ( 37 प्रतिशत ) थी । कॉमर्स की बात करें तो महज 56,376 बच्चे इसमें पंजीकृत थे । वहीं कृषि वर्ग में 21,597 तो व्यावसायिक वर्ग में 33,503 छात्र छात्राएं पंजीकृत थे । इससे पहले 2021 में इंटरमीडिएट के कुल 26 , 10 , 247 में से विज्ञान वर्ग में 15 , 27 , 442 ( तकरीबन 59 फीसदी ) व कला वर्ग में 9,32,445 ( 36 प्रतिशत ) परीक्षार्थी थे । 2020 और 2019 में भी कला में विज्ञान से कम परीक्षार्थी थे । खास बात यह है कि 2015 की इंटर बोर्ड परीक्षा के लिए विज्ञान से अधिक कला वर्ग में छात्र – छात्राएं पंजीकृत थे । उस साल इसी प्रकार 2021 में कुल 36,517 परीक्षार्थियों में से 36,517 और 2020 में कुल 36,845 विद्यार्थियों में से 4363 ने यह विषय लिया था । 12 वीं की परीक्षा के लिए पंजीकृत 28,77,794 परीक्षार्थियों में से विज्ञान में 13 , 30 , 725 ( 46.24 फीसदी ) , जबकि कला में उससे अधिक 13 , 94,339 ( 46.24 प्रतिशत ) बच्चे थे ।

पाठ्यक्रमों में ड्रेस डिजाइनिंग का क्रेज

व्यावसायिक विषयों की बात करें तो भिन्न – भिन्न 41 पाठ्यक्रमों में 12 वीं के बच्चों में सबसे अधिक क्रेज परिधान रचना एवं सज्जा ( ड्रेस डिजाइनिंग ) का है । 2022 में पंजीकृत 33,503 छात्र – छात्राओं में से सर्वाधिक 3990 परीक्षार्थियों ने ड्रेस डिजाइनिंग विषय लिया था ।


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