प्राइमरी से जूनियर स्कूलों तक के आंकड़ों में आया सामने

कक्षा 10 में तस्वीर उलटी- निजी स्कूल हैं ज्यादा बेहतर

यूपी में लगभग 50 फीसदी बच्चों के हाथ में नहीं है मोबाइल

लखनऊ:- यदि आपको भी लगता है कि निजी स्कूल सरकारी या एडेड स्कूलों से बेहतर होते हैं तो यह आम धारणा लगभग गलत है। दक्षता के स्तर की बात करें तो यूपी के सरकारी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के विद्यार्थी निजी स्कूलों से बेहतर कर रहे हैं। कक्षा 8 की गणित में सरकारी स्कूलों के 32 फीसदी बच्चे दक्षता के स्तर पर हैं तो निजी स्कूलों के 23 फीसदी बच्चे ही इस स्तर तक पहुंच पाए हैं।ये तथ्य राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (एनएएस) 2021 में सामने आया है। इसी तरह सरकारी स्कूलों के 23 फीसदी विद्यार्थी सामजिक विज्ञान में दक्ष हैं तो निजी स्कूलों के 14 फीसदी विद्यार्थी ही इस स्तर पर पहुंच पाए हैं। वहीं विज्ञान में भी सरकारी स्कूलों के 25 फीसदी के मुकाबले निजी स्कूलों के 21 फीसदी ही इस स्तर पर पहुंचे। भाषा में सरकारी स्कूल के 22 फीसदी विद्यार्थियों के मुकाबले निजी स्कूलों के 29 फीसदी बच्चे इस विषय में बेहतर हैं।

कक्षा 10 के निजी स्कूलों के विद्यार्थी ज्यादा दक्ष

कक्षा 10 की बात करें तो माध्यमिक शिक्षा की तस्वीर उलट है। कक्षा 10 गणित, विज्ञान व अंग्रेजी में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी दक्षता के स्तर पर निजी स्कूलों से नीचे हैं। गणित में सरकारी स्कूलों के 10 फीसदी बच्चे दक्ष हैं तो निजी स्कूलों के 18 फीसदी, विज्ञान में सरकारी स्कूलों के 2 फीसदी के मुकाबले निजी स्कूलों के 5 फीसदी और सामाजिक विज्ञान में 6 फीसदी के मुकाबले 8 प्रतिशत विद्यार्थी बेहतर हैं। अंग्रेजी में सरकारी स्कूलों के 35 प्रतिशत की जगह निजी स्कूलों में 44 प्रतिशत विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया।

कक्षा 5 में गणित में बेहतरीन प्रदर्शन

विषय सरकारी स्कूल निजी स्कूल

गणित 28 18

भाषा 40 35

ईवीएस 37 24

कक्षा 3 में कमोवेश समान प्रदर्शन-

विषय सरकारी स्कूल निजी स्कूल

गणित 39 39

भाषा 33 34

ईवीएस 47 42

यूपी के कक्षा 8 के 84 फीसदी बच्चों के पास मोबाइल नहीं

हमें-आपको भले ही हर हाथ में मोबाइल दिखता हो लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौरान उत्तर प्रदेश की कक्षा-10 के 46 फीसदी बच्चों के हाथ में ऐसा कोई भी डिजिटल उपकरण नहीं था। जिससे वो पढ़ाई कर सके। ये तथ्य राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे (एनएएस) 2021 में सामने आया है।कक्षा 8 के 84, कक्षा 5 के 48 और कक्षा 3 के 47 फीसदी बच्चों ने बताया कि उनके पास ऐसी कोई भी सुविधा नहीं थी जिससे वे ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ सके। वहीं प्रदेश के 32 फीसदी स्कूल ही ऐसे हैं, जहां पर ऑडियो विजुअल की सुविधा मौजूद है।

कब, कैसे हुआ सर्वे-

यह सर्वे नवम्बर 2021 में किया गया। इससे पहले 2017 में हुआ था। कक्षा 3, 5, 7 व कक्षा 10 में सर्वेक्षण किया। यूपी के 14999 स्कूलों ने इसमें भाग लिया। 61995 शिक्षकों और 4,23,069 विद्यार्थियों के सैम्पल पर यह सर्वे हुआ।


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