लखनऊ:- निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम ( आरटीई ) के तहत 2022-23 के निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है । आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही निजी स्कूल प्रबंधन ने आरटीई के तहत प्रवेश लेने से मना कर दिया है । अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अन्तर्गत आने वाले 750 स्कूलों ने प्रवेश देने से मना कर दिया है । एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि स्कूल प्रबंधन अधिनियम का ईमानदारी से पालन कर रहे हैं लेकिन शासन की ओर से सहयोग नहीं किया जा । पिछले तीन वर्षों से स्कूलों को प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं देने के अलावा फीस भी नियमानुसार नहीं बढ़ाई गई है ।

इस सम्बंध में शिक्षा मंत्री , प्रमुख सचिव , जिलाधिकारी , मंडलायुक्त व अन्य अधिकारियों को बार लिखित रूप से शिकायत की जा चुकी है । लेकिन कोई फीस प्रतिपूर्ति देने की दिशा में शासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए । जिसके बाद ही निर्णय लिया गया कि नए सत्र में आरटीई के तहत निजी स्कूल प्रवेश नहीं लेंगे । पायनियर स्कूल के प्रबंधक बृजेन्द्र सिंह , स्प्रिंग डेल की प्रधानाचार्या रीता खन्ना , एसोसिएशन की सचिव डा . माला मेहरा , सीएमएस की गीता गांधी व अन्य प्रबंधकों ने कहा कि अधिनियम को लेकर जो नियम बनाए गए हैं उसका पालन सिर्फ स्कूल प्रबंधन को ही नहीं बल्कि शासन और प्रशासन को भी करना चाहिए । करोड़ों रुपए का प्रतिपूर्ति शुल्क बकाया है लेकिन कोई अदायगी नहीं हो रही है । वहीं अभी भी प्रति छात्र शासन की ओर से 450 रुपए प्रतिपूर्ति शुल्क ही दिया जा रहा है ।


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