पुस्तकों की ढुलाई में अध्यापकों कर्मियों को न लगाने के निर्देश

लखनऊ:-  पिछले सत्रों में छात्रों को देरी से पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने से हुई किरकिरी से बचने के लिए सरकार ने इस बार समय पूर्व ही ठोस कदम उठा लिए हैं। बुधवार को स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनन्द ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सर्कुलर जारी कर ताकीद की है कि पाठ्य पुस्तकों की ढुलाई के कार्य में किसी भी दशा में शिक्षकों या कर्मचारियों को न लगाया जाए।

वर्ष 2023-24 का सत्र शुरू होने से पहले पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन कराने के साथ उसे विद्यालयों तक पहुंचाने के व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में 6 करोड़ 27 लाख 29920 रुपये भी जिलों को जारी कर दिए हैं। इसमें ढुलाई की रकम भी दी गई है। इसके तहत आवंटित बजट में ही पाठ्य पुस्तकों की ढुलाई के पैसों का प्रावधान किया गया है। इस बारे में सभी बीएसए को सचेत भी किया गया है कि अगर अध्यापक या कर्मचारी से पाठ्य पुस्तक की ढुलाई का कार्य लिए जाने की शिकायत मिली तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

सर्कुलर में लिखा गया है कि चूंकि पहले से ही इस मद के लिए जिलेवार धन का प्रावधान कर दिया गया है, लिहाजा तय समय से पहले पाठ्य पुस्तकें स्कूलों में मंगा ली जाएं। पूर्व के वर्षों में बच्चों को देरी से पुस्तकें उपलब्ध कराने के कारण सरकार को काफी विरोध झेलना पड़ा था। ऐसे में सत्र से पूर्व ही पुस्तकें छापने का निर्णय किया गया और बीते दिसम्बर में इस कार्य को पूरा कर लिया गया।

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