गर्मी की छुट्टी में ‘गुरुजी को तबादले की आस

बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत कई अध्यापक लंबे समय से जिले के भीतर तबादले की आस लगाए बैठे हैं। अंतरजनपदीय तबादला फिर से शुरू होने की सुगबुगाहट के बीच अध्यापकों को उम्मीद है कि इस बार पहले जिले के भीतर तबादले होंगे और फिर गैरजनपद के लिए। फिलहाल विभागीय जानकारों का कहना है कि तबादले को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है। लेकिन उम्मीद है कि जिले के भीतर भी रिक्तियों के आधार पर ऑनलाइन प्रणाली से ही तबादला हो।जिले के भीतर एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में तबादले को एक दशक से अधिक का समय बीत चुका है। 2016 के आसपास तत्कालीन सचिव के अनुमोदन पर जरूर कुछ अध्यापकों को तबादला मिला था। लेकिन यह संख्या बेहद सीमित थी। नौबत यह है कि प्रमोशन पाने के बाद एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में पहुंच चुके शिक्षक सालों से तबादले का इंतजार कर रहे हैं। कारण स्कूल की दूरी उनके घरों से काफी ज्यादा है। कई शिक्षक तो जिले के एक छोर से दूसरे छोर तक का सफर रोज पढ़ाने जाने के लिए तय करते हैं।

इनमें शिक्षिकाओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।कई शिक्षकों का मानना है कि अंतरजनपदीय तबादला करने से पहले जिले के भतीर तबादला होना चाहिए। ऐसा होने से जिले के भीतर रिक्त होने वाले पदों पर गैरजनपद से आने वाले शिक्षकों को तैनाती का मौका मिल सकेगा। साथ ही दूसरे ब्लॉक में नौकरी करने वाले शिक्षक भी अपने ब्लॉक के स्कूल में स्थानांतरित होकर आ जाएंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष अभय यादव के अनुसार सरकार से हमारी मांग है कि जिले के भीतर तबादले के बाद ही अंतरजनपदीय तबादले किए जाएं। दूरदराज के ब्लॉकों में तैनात अध्यापकों को जिले के भीतर तबादला होने से अपने घर के निकट पहुंचने का मौका मिलेगा।


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