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बेसिक शिक्षा में भ्रष्टाचार रोकने को सितंबर से सब ऑनलाइन, ऐसे हो जाएगी प्रक्रिया आसान


बेसिक शिक्षा में भ्रष्टाचार रोकने को सितंबर से सब ऑनलाइन, ऐसे हो जाएगी प्रक्रिया आसान

बेसिक शिक्षा में भ्रष्टाचार रोकने को शिक्षकों और कर्मचारियों के वित्तीय कार्य भी पूरी तरह ऑनलाइन कर दिए जाएंगे । इससे शिक्षकों को विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और जवाबदेही भी तय हो जाएगी । मानव संपदा पोर्टल पर इसे भी शुरू किया जाएगा । बेसिक शिक्षा विभाग में विशेषकर शिक्षकों के वित्तीय कार्यों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार व्याप्त है । शिक्षकों को न तो सम्बंधित मदों की जानकारियां पाती हैं और न ही उनके भुगतान आसानी से हो पाते हैं । यदि हो भी जाते हैं तो वह सामान्य प्रक्रिया से नहीं बल्कि विशेष प्रक्रिया के माध्यम से होते हैं भुगतान चाहें जीपीएफ से एडवांस का हो या किसी एरियर का , सामान्य प्रक्रिया में वर्षों लग जाते हैं ।

रिजेक्शन का कारण हो अनिवार्य:

उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष योगेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि नई प्रक्रिया से शिक्षकों को लाभ मिलेगा लेकिन अधिकारियों के स्तर से रिजेक्शन के कारण स्पष्ट होना चाहिए । मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश आसान हो गया लेकिन चाइल्ड केयर लीव के ऑनलाइन आवेदन के बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षक से भेंट के बिना अवकाश नहीं मिल पाता । वित्तीय पोर्टल पर इसे रोकने के लिए सख्त नियम बनाने होंगे ।

ऐसे हो जाएगी प्रक्रिया आसान:

जैसे मानव संपदा पोर्टल के जरिए वेतन व अवकाश को आसान बनाया गया है । उसी तरह से मानव संपदा पोर्टल पर एक रिक्वेस्ट बेस्ड टैब विकसित किए जाने का प्रस्ताव एनआईसी को भेज दिया गया है । इसमें सामान्य भविष्य निधि ( जीपीएफ ) से एडवांस , चयन वेतनमान , प्रोन्नत वेतनमान , अन्य सभी एरियर के लिए आवेदन इसी पोर्टल के माध्यम से करने होंगे । प्रक्रिया पहले से तय होगी ।

अभी ऐसे होता है काम:

जीपीएफ में तो कई तरह के एडवांस लिए जा सकते हैं । इसे लेने को शिक्षकों व कर्मचारियों को वर्षों लग जाते हैं । दस वर्ष पूरे होने पर चयन वेतनमान और 22 वर्ष की सेवा पूरा होने पर प्रोन्नत वेतनमान के लिए वर्षों प्रतीक्षा करनी पड़ती है ।


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